बुढ़ापा पेंशन ले रहे हैं? अब हर व्यक्ति की होगी जांच – अपात्रों से वसूले जाएंगे पैसे!

सरकार अब बुजुर्गों की पेंशन योजना में पारदर्शिता लाने के लिए अपात्रों की पहचान कर रही है। जानिए किन राज्यों में सर्वे शुरू हो चुका है, और कैसे हो रही है घर-घर जांच – आपकी पेंशन बंद न हो, इसका तरीका जानें।

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बुढ़ापा पेंशन वालों की होगी जांच, अपात्रों से वसूली तय!

दिल्ली सरकार ने अपने समाज कल्याण विभाग के माध्यम से एक व्यापक सर्वे की शुरुआत की है जिसमें हर पेंशनधारी की पात्रता की जांच घर-घर जाकर की जाएगी। इसमें सरकारी एजेंसियों द्वारा दस्तावेजों का मिलान, आधार वेरिफिकेशन और पेंशन पाने की योग्यता का आकलन किया जाएगा। सर्वे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति पेंशन का लाभ न ले सके और जो वास्तव में जरूरतमंद हैं, उन्हें योजना का पूरा लाभ मिले।

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उत्तर प्रदेश सरकार की डेडलाइन और सख्ती

उत्तर प्रदेश में भी बुढ़ापा पेंशन को लेकर सरकार ने सक्रियता दिखाई है। सरकार ने सभी लाभार्थियों के पुनः सत्यापन का आदेश जारी किया है और 25 मई तक यह काम पूरा करने की समय-सीमा तय की गई है। जिन लोगों का वेरिफिकेशन सफलतापूर्वक पूरा होगा, उन्हें जून के पहले हफ्ते में तीन महीनों की पेंशन एक साथ दी जाएगी। वहीं जिन लोगों की वार्षिक आय सरकारी मापदंडों से अधिक पाई जाएगी, उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा।

मोबाइल SMS से होगी पेंशन भुगतान की निगरानी

राजस्थान में RGHS यानी Rajasthan Government Health Scheme के तहत सामने आए दुरुपयोग की खबरों के बाद अब बुढ़ापा पेंशन लेने वालों की भी निगरानी शुरू की गई है। यहां सरकार अब पेंशनधारकों के बैंक खाते, हेल्थ क्लेम और मोबाइल नंबर के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया पर नज़र रखेगी। मोबाइल SMS सिस्टम के जरिए यह जानकारी भी पेंशनर्स को भेजी जाएगी कि कब और कितना भुगतान किया गया, जिससे किसी भी प्रकार के घोटाले की गुंजाइश कम की जा सके।

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हरियाणा में कुंवारों की पेंशन के लिए शर्तें

हरियाणा सरकार ने भी बुजुर्गों और अविवाहित नागरिकों के लिए पेंशन योजना को लागू करने के साथ-साथ इसमें सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। राज्य में 45 से 60 वर्ष तक के कुंवारे नागरिकों को ₹2750 प्रति माह की पेंशन दी जा रही है, लेकिन यदि कोई लाभार्थी शादी कर लेता है और इसकी सूचना नहीं देता, तो उससे पेंशन की पूरी रकम ब्याज सहित वसूल की जाएगी। इसके लिए सरकार ने नियम स्पष्ट कर दिए हैं ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी से निपटा जा सके।

पेंशन योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास

पेंशन योजनाओं की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब समय-समय पर सभी लाभार्थियों की पात्रता की जांच की जाएगी। यह कदम इसलिए भी ज़रूरी हो गया है क्योंकि पिछली कुछ रिपोर्टों में यह सामने आया था कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी पेंशन ले रहे हैं जो इसके योग्य नहीं हैं। इससे न केवल सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ रहा था बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचना भी मुश्किल हो गया था।

किन्हें माना जाएगा पेंशन योजना के अपात्र

बुढ़ापा पेंशन योजना के तहत सरकार उन नागरिकों को आर्थिक सहायता देती है जो निर्धन, बेसहारा और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं। लेकिन समय के साथ यह देखने में आया है कि कई लोग गलत जानकारी देकर या अपनी पात्रता छुपाकर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे लोगों को अब अपात्र माना जाएगा और उनसे वसूली भी की जा सकती है, जिनकी सूची कुछ इस प्रकार है।

1. सरकारी या पेंशनधारी कर्मचारी:
अगर कोई व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार से पहले से कोई पेंशन ले रहा है (जैसे EPFO, NPS या कोई अन्य सेवा-सेवानिवृत्ति योजना), तो वह बुढ़ापा पेंशन के लिए अपात्र माना जाएगा।

2. वार्षिक आय सीमा से अधिक:
अगर लाभार्थी या उसके परिवार की सालाना आय निर्धारित सीमा (जैसे ₹1 लाख या ₹2 लाख राज्य के अनुसार) से अधिक है, तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा।

3. झूठे दस्तावेज या गलत जानकारी:
यदि किसी व्यक्ति ने उम्र, आय, वैवाहिक स्थिति या अन्य विवरणों में झूठ बोलकर आवेदन किया है, तो वह अपात्र माना जाएगा। कई बार लोग फर्जी आधार या आय प्रमाण पत्र का उपयोग करते हैं, जो जांच में पकड़ में आता है।

4. जीवन प्रमाणपत्र या आधार वेरिफिकेशन में विफलता:
अगर कोई पेंशनधारी समय पर जीवन प्रमाणपत्र जमा नहीं करता या आधार वेरिफिकेशन में फेल होता है, तो उसका खाता निलंबित कर दिया जाता है और अपात्र की श्रेणी में रखा जाता है।

5. विवाह की स्थिति छुपाना (विशेषकर हरियाणा योजना में):
हरियाणा जैसी कुछ राज्य योजनाओं में अविवाहित पुरुषों को पेंशन दी जाती है। यदि वे बाद में विवाह कर लेते हैं और इसकी सूचना नहीं देते, तो अपात्र माने जाएंगे और वसूली की जाएगी।

6. मृतक के नाम पर पेंशन लेना:
यदि कोई परिजन मृत व्यक्ति के नाम पर पेंशन लेना जारी रखता है, तो यह गंभीर धोखाधड़ी है। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई और रकम की वसूली दोनों की जाती है।

लाभार्थियों के लिए जरूरी सुझाव

सरकारें अब तकनीकी माध्यमों जैसे आधार लिंकिंग, मोबाइल OTP, बैंक खातों की सीधी निगरानी और वर्चुअल वेरिफिकेशन के जरिए इस योजना को प्रभावी और पारदर्शी बनाने का प्रयास कर रही हैं। इसके साथ ही जिन लाभार्थियों की जानकारी में कोई भी विसंगति पाई जाती है, उनसे न केवल पेंशन रोक दी जाएगी, बल्कि पहले से ली गई धनराशि भी ब्याज सहित वसूल की जा सकती है। यह कदम सरकारी योजनाओं की साख बनाए रखने और सही लोगों को लाभ देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

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