पाकिस्तान में हिंदू क्रिकेटर के काटे गए दोनों पैर! वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

कराची के पूर्व क्रिकेट स्टार मोहिंदर कुमार की कहानी रुला देगी! डायबिटिक इंफेक्शन और आर्थिक तंगी ने उनकी जिंदगी को बदल डाला। जानिए कैसे एक अल्पसंख्यक खिलाड़ी ने अपनों से मदद की गुहार लगाई और फिर भी मैदान में लौटने की जिद ठानी

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पाकिस्तान में हिंदू क्रिकेटर के काटे गए दोनों पैर! वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
पाकिस्तान में हिंदू क्रिकेटर के काटे गए दोनों पैर! वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

पाकिस्तान के पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और कोच मोहिंदर कुमार, जो कराची में रहते हैं, को हाल ही में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के चलते अपने दोनों पैर गंवाने पड़े। डायबिटिक फुट इंफेक्शन (Diabetic Foot Infection) के कारण उनके पैरों में संक्रमण इस कदर बढ़ गया कि डॉक्टरों को गैंगरीन (Gangrene) फैलने से रोकने के लिए पहले एक, फिर दूसरा पैर काटना पड़ा। यह घटना न केवल खेल जगत को बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाली है।

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क्रिकेट करियर: 18 वर्षों की मेहनत और समर्पण

मोहिंदर कुमार ने 1976 से 1994 तक पाकिस्तान के लिए घरेलू क्रिकेट खेला। तेज गेंदबाज के रूप में उन्होंने 65 फर्स्ट क्लास मैचों में 187 विकेट लिए, जिसमें 10 बार 5 या उससे अधिक विकेट और 4 बार 10 विकेट लेने का कारनामा शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने 53 लिस्ट ए मैचों में 64 विकेट भी चटकाए। हालांकि, उन्हें राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला, जिसका एक कारण उस समय टीम में वसीम अकरम, इमरान खान और वकार यूनुस जैसे दिग्गजों की मौजूदगी थी।

कोचिंग में भी अहम योगदान

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी मोहिंदर कुमार ने खेल से अपना नाता नहीं तोड़ा। उन्होंने कराची के KPI ग्राउंड में एक कोचिंग अकादमी चलाई, जहां उन्होंने मोहम्मद सामी, दानिश कनेरिया, तनवीर अहमद और सोहेल खान जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा, वे कराची के लिए चयनकर्ता भी रहे और शाहिद अफरीदी, हसन रज़ा, फैसल इकबाल जैसे खिलाड़ियों के करियर की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आर्थिक तंगी और मदद की अपील

अपने इलाज पर लगभग 30 लाख पाकिस्तानी रुपये खर्च करने के बाद, मोहिंदर कुमार अब आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उनकी कोचिंग अकादमी बंद हो चुकी है, और उनके बेटे की मामूली नौकरी से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर, सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नकवी से मदद की अपील की है। मोहिंदर कुमार का कहना है, “मैं हिंदू समुदाय से हूं, लेकिन मेरा दिल पाकिस्तान के लिए धड़कता है। मैं कृत्रिम पैरों के सहारे फिर से मैदान में लौटना चाहता हूं और अपनी अकादमी को पुनः शुरू करना चाहता हूं। मुझे बस समर्थन की जरूरत है।

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धार्मिक भेदभाव का पहलू

पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले भेदभाव की घटनाएं नई नहीं हैं। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने भी अपने करियर में धार्मिक भेदभाव का सामना करने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ साथी खिलाड़ी उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करते थे, और उनके साथ भोजन करने से भी कतराते थे। इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती हैं।

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