
भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा पर स्थित कुछ भारतीय जिलों में पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल पहुंचने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे यह सवाल उठता है कि अलग देश होने के बावजूद पाकिस्तानी सिम भारत में कैसे काम करती है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम नियमों के अनुसार, किसी भी मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल दूसरे देश की सीमा के 500 मीटर अंदर तक जा सकते हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान इस सीमा का उल्लंघन करता है और उसके मोबाइल सिग्नल भारतीय सीमा में 3 से 4 किलोमीटर तक पहुंचते हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है ।
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किन भारतीय जिलों में मिलते हैं पाकिस्तानी नेटवर्क के सिग्नल?
पाकिस्तान से सटे भारतीय जिलों में पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल मिलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर और बाड़मेर जिलों में पाकिस्तानी नेटवर्क के सिग्नल 3 से 4 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में पहुंचते हैं ।
ऑपरेशन सिंदूर और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया । इन घटनाओं के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी सिम के उपयोग पर कड़ी नजर रखनी शुरू की।
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राजस्थान सरकार की कार्रवाई
राजस्थान सरकार ने जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों में पाकिस्तानी सिम कार्ड के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जिला प्रशासन ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी नेटवर्क सिग्नलों को ब्लॉक करें। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें ।
साइबर फ्रॉड में पाकिस्तानी सिम का उपयोग
बिहार में चल रहे “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान एक बड़े साइबर फ्रॉड गिरोह का खुलासा हुआ है, जो चंपारण से लेकर सीमांचल तक सक्रिय है। इस गिरोह के पास 200 से अधिक बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से प्रत्येक अकाउंट का इस्तेमाल केवल एक बार किया गया है ताकि उनकी पहचान ना हो सके। पुलिस को पाकिस्तान के फोन नंबरों से बातचीत करने के सबूत मिले हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम से जुड़े संभावित लिंक सामने आ सकते हैं ।