
भारतीय सेना में अफसर बनने का सपना देश के लाखों युवाओं का होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास स्कूल ऐसे हैं जहां एडमिशन लेना ही इस सपने को पूरा करने की दिशा में पहला मजबूत कदम माना जाता है? ऐसा ही एक संस्थान है Indian Army School, जिसे आमतौर पर राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC), सैनिक स्कूल (Sainik School) और राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय (Rashtriya Military School) के नाम से भी जाना जाता है। यहां से पढ़ाई करने वाले छात्रों की बड़ी संख्या हर साल NDA और अन्य डिफेंस एग्जाम्स में सफल होती है।
यह भी देखें: पुलिस का सख्त ऐक्शन, किरायेदारों का सत्यापन नहीं करने पर मकान मालिकों का ₹16 लाख का चालान
इन स्कूलों का मकसद है युवाओं को बचपन से ही अनुशासन, नेतृत्व, फिजिकल फिटनेस और देशभक्ति के गुणों से लैस करना। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि इन स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया क्या है, इसमें पढ़ने के फायदे क्या हैं और किस तरह यहां से निकलने वाले छात्र सीधे सेना में अफसर बनते हैं।
Indian Army School में पढ़ाई का महत्व
Indian Army School जैसे RIMC, Sainik School और Rashtriya Military School को रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है। यहां 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के दौरान छात्र न केवल सामान्य शिक्षा ग्रहण करते हैं, बल्कि उन्हें फिजिकल ट्रेनिंग, NCC, लीडरशिप डेवलपमेंट और अन्य सैन्य-प्रशिक्षण से भी गुजरना होता है।
इन स्कूलों का मुख्य उद्देश्य है राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के लिए छात्रों को तैयार करना। आंकड़ों के अनुसार, इन स्कूलों से पढ़े 70-80% छात्रों का चयन NDA जैसी परीक्षाओं में हो जाता है, जो कि Indian Army में अफसर बनने का सबसे प्रमुख रास्ता है।
यह भी देखें: भारत में कैसे काम करती है पाकिस्तानी सिम? जानिए किन सीमावर्ती जिलों में मिलता है नेटवर्क – बड़ा खुलासा
एडमिशन प्रक्रिया: कैसे मिलेगी एंट्री?
इन स्कूलों में एडमिशन के लिए एक सख्त और प्रतिस्पर्धात्मक चयन प्रक्रिया होती है।
RIMC Dehradun में एडमिशन साल में दो बार होता है – जून और दिसंबर सत्र के लिए। इसमें शामिल होने के लिए छात्र का चयन ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के जरिए होता है।
Sainik Schools में एडमिशन कक्षा 6 और 9 में होता है। ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (AISSEE) के जरिए चयन होता है। यह परीक्षा NTA द्वारा आयोजित की जाती है।
Rashtriya Military Schools भी कक्षा 6 और 9 में एडमिशन देते हैं, जिसकी परीक्षा और मेडिकल फिटनेस अनिवार्य होती है।
आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसके पास जन्म प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण, पिछली कक्षा की मार्कशीट और फिजिकल फिटनेस प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
स्कूल जीवन: अनुशासन और नेतृत्व की पाठशाला
Indian Army Schools में छात्रों को सख्त अनुशासन, समयबद्धता और टीमवर्क सिखाया जाता है। यहां सुबह जल्दी उठने से लेकर फिजिकल ट्रेनिंग, क्लासरूम लेक्चर, ग्रुप एक्टिविटीज और डिबेट्स तक का हर दिन एक तय कार्यक्रम के तहत चलता है।
यह भी देखें: पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा किया है? तो ITR फाइल करते समय चाहिए होगा ये ज़रूरी डॉक्यूमेंट – यहाँ से करें डाउनलोड
इन स्कूलों में NCC अनिवार्य होती है, जो छात्रों को भारतीय सेना के प्रारंभिक नियमों से परिचित कराती है। छात्रों को फील्ड ट्रेनिंग, पैराड, माउंटेन ट्रैकिंग, राइफल शूटिंग जैसी एक्टिविटीज कराई जाती हैं जिससे उनमें एक ऑफिसर जैसा आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल विकसित हो सके।
NDA और रक्षा सेवाओं में सफलता का राज
Indian Army School से निकले छात्रों का रिकॉर्ड NDA, IMA और OTA में चयन के मामले में बेहद शानदार है। इसका मुख्य कारण है बचपन से ही मिलने वाली ट्रेनिंग और एक्सपोजर।
इन स्कूलों में छात्रों को NDA प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाती है – जिसमें मैथ्स, जनरल एबिलिटी, इंग्लिश और करेंट अफेयर्स शामिल होते हैं। साथ ही उन्हें इंटरव्यू और SSB (Service Selection Board) जैसी प्रक्रियाओं के लिए भी तैयार किया जाता है।
फीस और स्कॉलरशिप: अफॉर्डेबल और सहायता उपलब्ध
इन स्कूलों की फीस तुलनात्मक रूप से बहुत कम होती है क्योंकि यह रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होते हैं। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को स्कॉलरशिप और सब्सिडी भी मिलती है। SC/ST और डिफेंस बैकग्राउंड के छात्रों को विशेष छूट दी जाती है।
यह भी देखें: 1 मिनट सिग्नल पर रुककर आपकी गाड़ी कितना पेट्रोल पी जाती है? पता है क्या?
लड़कियों के लिए भी खुल रहे हैं दरवाजे
अब कई Sainik Schools में लड़कियों को भी एडमिशन दिया जा रहा है। यह कदम लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। वर्ष 2021 से रक्षा मंत्रालय ने अधिकतर सैनिक स्कूलों में लड़कियों के लिए प्रवेश की अनुमति दे दी है।
Indian Army School में एडमिशन सिर्फ एक स्कूल की पढ़ाई नहीं बल्कि एक मिशन की शुरुआत है। अनुशासन, नेतृत्व, आत्मविश्वास और देशसेवा की भावना से भरे हुए ये छात्र आगे चलकर भारतीय सेना के आधार स्तंभ बनते हैं। अगर आप या आपके बच्चे में देशभक्ति और नेतृत्व की भावना है, तो Indian Army School में एडमिशन का अवसर बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिए।