
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव किया है, नए नियमों के तहत, यदि कोई कर्मचारी अनुशासनहीनता या भ्रष्टाचार जैसे गंभीर कारणों से सेवा से बर्खास्त किया जाता है, तो उसे न केवल PSU में अर्जित पेंशन बल्कि पूर्व सरकारी सेवा के दौरान प्राप्त पेंशन लाभ भी खोने पड़ सकते हैं, यह संशोधन केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 37(29C) के तहत किया गया है, जो 22 मई 2025 से प्रभावी हुआ है।
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नियमों में बदलाव: क्या है नया प्रावधान?
पहले, यदि कोई सरकारी कर्मचारी PSU में स्थानांतरित होकर सेवा करता था और बाद में PSU से बर्खास्त होता था, तो उसे सरकारी सेवा के दौरान अर्जित पेंशन लाभ मिलते रहते थे। लेकिन अब, यदि ऐसा कर्मचारी PSU में अनुशासनहीनता के कारण बर्खास्त होता है, तो उसे सरकारी सेवा के दौरान अर्जित पेंशन लाभ भी forfeiture (निरस्त) कर दिए जाएंगे।
किस पर लागू होंगे ये नए नियम?
यह संशोधन उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर 2003 या उससे पहले सरकारी सेवा में नियुक्त हुए थे और बाद में PSU में स्थानांतरित हुए। यह नियम रेलवे सेवकों, आकस्मिक या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों, और IAS, IPS, IFoS अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।
निर्णय की समीक्षा का प्रावधान
यदि किसी कर्मचारी को PSU से बर्खास्त किया जाता है, तो उस निर्णय की समीक्षा संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि बर्खास्तगी का निर्णय निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया के तहत लिया गया है।
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Unified Pension Scheme (UPS): एक नई पहल
केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से Unified Pension Scheme (UPS) लागू की है, जो National Pension System (NPS) का विकल्प है। UPS के तहत, पात्र सरकारी कर्मचारियों को अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, बशर्ते उन्होंने कम से कम 25 वर्षों की सेवा पूरी की हो। UPS में शामिल होने की अंतिम तिथि 30 जून 2025 है।
UPS के लाभ
UPS के तहत, पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके वैध जीवनसाथियों को एकमुश्त राशि, मासिक टॉप-अप और बकाया राशि पर साधारण ब्याज मिलेगा। यह योजना सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।