Unclaimed Deposits: अब KYC अपडेट करना हुआ आसान – जानिए क्या है RBI का नया नियम

RBI ने जारी किया नया ड्राफ्ट सर्कुलर—अब किसी भी ब्रांच, वीडियो KYC या बिजनेस करेस्पॉन्डेंट से निष्क्रिय अकाउंट को दोबारा किया जा सकेगा एक्टिव। बिना दावा राशि और निष्क्रिय खातों से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव। जानें इस नए फैसले का असर, प्रोसेस और सरकार को मिलने वाले रिकॉर्ड डिविडेंड की पूरी डिटेल।

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Unclaimed Deposits: अब KYC अपडेट करना हुआ आसान – जानिए क्या है RBI का नया नियम
Unclaimed Deposits: अब KYC अपडेट करना हुआ आसान – जानिए क्या है RBI का नया नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निष्क्रिय खातों (Inoperative Accounts) और बिना दावा जमा राशियों (Unclaimed Deposits) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। जनवरी 2024 में लागू किए गए नियमों में संशोधन करते हुए RBI ने एक नया ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार अब बैंकों को सभी ब्रांचों, वीडियो KYC और अधिकृत बिजनेस करेस्पॉन्डेंट्स (Business Correspondents – BC) के माध्यम से ग्राहकों के KYC अपडेट की सुविधा उपलब्ध करानी होगी, ताकि निष्क्रिय खातों को फिर से चालू किया जा सके।

KYC अपडेट की प्रक्रिया होगी और सरल

RBI के इस नए प्रस्तावित नियम के अनुसार, निष्क्रिय हो चुके खातों को फिर से सक्रिय करना अब पहले की तुलना में ज्यादा आसान हो जाएगा। बैंक ग्राहकों को अब केवल उसी ब्रांच में जाकर KYC करवाने की आवश्यकता नहीं होगी, जहां खाता खोला गया था। ग्राहक चाहें तो किसी भी बैंक शाखा में जाकर, वीडियो KYC के जरिए या किसी अधिकृत बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (BC) से संपर्क कर केवाईसी अपडेट करवा सकते हैं।

RBI का मानना है कि इससे देश भर में फैले लाखों निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने में मदद मिलेगी और उन पर रखी गई राशि का बेहतर उपयोग संभव होगा।

निष्क्रिय खाता किसे कहा जाता है?

RBI के नियमों के अनुसार, अगर किसी खाते में दो वर्षों तक कोई ग्राहक प्रेरित लेन-देन नहीं होता है, तो वह खाता निष्क्रिय (Inactive/Inoperative) माना जाता है। इस अवधि में अगर केवल बैंक द्वारा ब्याज क्रेडिट या शुल्क कटौती जैसे कार्य किए जाते हैं, तो वह लेन-देन ग्राहक प्रेरित नहीं माने जाते।

बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे उन खातों की वार्षिक समीक्षा (Annual Review) करें, जिनमें एक साल से अधिक समय से कोई ग्राहक प्रेरित लेन-देन नहीं हुआ है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खातों में कोई धोखाधड़ी या अनियमितता न हो और ग्राहकों की पहचान समय-समय पर प्रमाणित होती रहे।

RBI का नया सर्कुलर कब होगा प्रभावी?

यह ड्राफ्ट सर्कुलर अभी प्रस्तावित चरण में है और इसे अंतिम रूप तब दिया जाएगा जब इसे RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। वेबसाइट पर सर्कुलर अपलोड होते ही यह नियम लागू माने जाएंगे।

इस बदलाव का उद्देश्य डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देना और बैंकों के सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाना है। इससे दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अपने निष्क्रिय खातों को पुनः चालू करने में सुविधा होगी, जहां बैंक ब्रांच तक पहुँचना मुश्किल होता है।

वीडियो KYC और BC के माध्यम से KYC अपडेट

RBI द्वारा प्रस्तावित संशोधन में यह भी कहा गया है कि अब ग्राहक वीडियो KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया के तहत भी अपनी पहचान प्रमाणित कर सकते हैं। यह विशेष रूप से उन ग्राहकों के लिए सहायक है जो दूरस्थ या ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और बैंक शाखा तक नहीं पहुँच सकते।

इसके अतिरिक्त, Business Correspondents, जो कि बैंक के अधिकृत प्रतिनिधि होते हैं, उन्हें भी ग्राहकों के KYC अपडेट करने की अनुमति दी जाएगी। यह कदम बैंकिंग सेवाओं की पहुँच को और अधिक व्यापक बनाएगा।

निष्क्रिय खातों में जमा राशि की स्थिति

RBI की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लाखों ऐसे बैंक खाते हैं जो निष्क्रिय हो चुके हैं और जिनमें बड़ी धनराशि पड़ी हुई है। ये राशियाँ ‘बिना दावा जमा राशि’ (Unclaimed Deposits) की श्रेणी में आती हैं। बैंक इन खातों को निष्क्रिय घोषित कर देते हैं और समय के साथ इनमें रखी राशि का उपयोग नहीं हो पाता।

नए सर्कुलर का उद्देश्य ऐसी निधियों को फिर से बैंकिंग प्रणाली में सक्रिय करना है ताकि यह धन जरूरतमंद लोगों के लिए उपयोगी हो सके और बैंकिंग पारदर्शिता को बढ़ाया जा सके।

सरकार को मिलेगा रिकॉर्ड डिविडेंड

इस बीच एक और बड़ी खबर यह है कि RBI ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 27.4% अधिक है। वर्ष 2022-23 में RBI ने सरकार को ₹87,416 करोड़ का डिविडेंड दिया था, जबकि 2023-24 में यह राशि बढ़कर ₹2.1 लाख करोड़ हो गई थी।

डिविडेंड का यह रिकॉर्ड भुगतान RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल की 616वीं बैठक में तय किया गया, जिसकी अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। इससे सरकार को राजकोषीय घाटा घटाने और विकास योजनाओं में निवेश करने में सहायता मिलेगी।

खातों को लेकर बैंकिंग प्रणाली में बदलाव की दिशा

RBI द्वारा निष्क्रिय खातों पर यह नया ड्राफ्ट सर्कुलर भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ खाताधारकों को सुविधा मिलेगी बल्कि बैंकों की निष्क्रिय निधियों को सक्रिय रूप में लाया जा सकेगा।

डिजिटल साधनों के माध्यम से KYC प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है। साथ ही, Business Correspondents के जरिए अंतिम मील तक बैंकिंग सेवा पहुँचाना वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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