
पासकोड (Passcode) स्मार्टफोन सुरक्षा का सबसे पुराना और आज भी सबसे मजबूत तरीका माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक मजबूत अल्फ़ान्यूमेरिक पासवर्ड बायोमेट्रिक तरीकों की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे अनुमान लगाना या नकल करना बेहद कठिन होता है। इसके अलावा, कानूनी दृष्टिकोण से भी पासकोड अधिक सुरक्षित है, क्योंकि कई देशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियां बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से फोन अनलॉक करवा सकती हैं, लेकिन पासकोड बताने के लिए मजबूर नहीं कर सकतीं।
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फिंगरप्रिंट अनलॉक: सुविधाजनक लेकिन सीमित सुरक्षा
फिंगरप्रिंट अनलॉक (Fingerprint Unlock) तकनीक उपयोगकर्ताओं को तेज़ और सुविधाजनक एक्सेस प्रदान करती है। हालांकि, यह 100% सुरक्षित नहीं है। शोधकर्ताओं ने “मास्टर फिंगरप्रिंट्स” विकसित किए हैं, जो कुछ स्मार्टफोनों को अनलॉक करने में सक्षम हैं । इसके अलावा, गीले या गंदे हाथों, या स्कैनर की गंदगी के कारण यह तकनीक असफल हो सकती है।
फेस अनलॉक: आधुनिक लेकिन विवादास्पद
फेस अनलॉक (Face Unlock) तकनीक, विशेष रूप से Apple के Face ID, उन्नत 3D मैपिंग और इन्फ्रारेड सेंसर का उपयोग करती है, जिससे यह अधिक सुरक्षित मानी जाती है। Apple का दावा है कि Face ID के जरिए अनधिकृत एक्सेस की संभावना 1 इन 1,000,000 है । हालांकि, यह तकनीक भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, क्योंकि कुछ मामलों में जुड़वां भाई-बहन या बच्चे अपने माता-पिता के फेस ID से फोन अनलॉक कर सकते हैं।
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कानूनी और गोपनीयता संबंधी चिंताएं
बायोमेट्रिक तरीकों के साथ एक बड़ी चिंता यह है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां उपयोगकर्ताओं को इन तरीकों से फोन अनलॉक करने के लिए मजबूर कर सकती हैं। वहीं, पासकोड के मामले में उपयोगकर्ता को इसे बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जिससे यह अधिक गोपनीयता प्रदान करता है।