मकान मालिक बार-बार परेशान करता है? किराएदार के ये 5 अधिकार जान लीजिए

अगर आपका मकान मालिक हर दिन नए बहाने से तंग कर रहा है, तो अब डरने की जरूरत नहीं! जानिए किराएदार के ऐसे 5 पावरफुल अधिकार जिनसे न सिर्फ आपकी सुरक्षा होगी, बल्कि आप उसे कानून का रास्ता भी दिखा सकते हैं। हर किराएदार को यह जानकारी जरूर होनी चाहिए – आगे पढ़ें और पूरी डिटेल जानिए

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मकान मालिक बार-बार परेशान करता है? किराएदार के ये 5 अधिकार जान लीजिए
मकान मालिक बार-बार परेशान करता है? किराएदार के ये 5 अधिकार जान लीजिए

अगर आपका मकान मालिक बार-बार तंग करता है या अनावश्यक हस्तक्षेप करता है, तो यह जानना जरूरी है कि किराएदार-Tenant होने के नाते आपके भी कुछ कानूनी अधिकार-Legal Rights होते हैं। भारत में किरायेदार और मकान मालिक के संबंधों को लेकर स्पष्ट नियम बनाए गए हैं, ताकि दोनों पक्षों को उचित संरक्षण मिल सके। लेकिन कई बार जानकारी की कमी के कारण किराएदार अपने अधिकारों से अनजान रहते हैं और अनावश्यक तनाव का सामना करते हैं।

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आज हम आपको उन 5 अहम अधिकारों के बारे में बता रहे हैं जो भारतीय किरायेदारों-Indian Tenants को कानूनन मिलते हैं और जिनका मकान मालिक उल्लंघन नहीं कर सकता। साथ ही, हम आपको यह भी बताएंगे कि यदि मकान मालिक इन अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो आप क्या कदम उठा सकते हैं।

किराएदार का सुरक्षित निवास का अधिकार

कानून के अनुसार, कोई भी किराएदार तब तक उस मकान में सुरक्षित रूप से रह सकता है जब तक वह तय समय पर किराया देता है और अनुबंध की शर्तों का पालन करता है। मकान मालिक को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना किसी वैध कारण के किराएदार को मकान खाली करने के लिए मजबूर करे या मानसिक रूप से प्रताड़ित करे।

इसके अलावा, मकान मालिक को किराएदार की अनुमति के बिना प्रॉपर्टी में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती। अगर वह बार-बार घर आकर आपकी निजता में हस्तक्षेप करता है, तो यह कानून का उल्लंघन है।

किराया बढ़ाने के नियम

मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकता। Rent Control Act के तहत किसी भी राज्य में किराया बढ़ाने के लिए कुछ स्पष्ट नियम होते हैं। आमतौर पर किराया तभी बढ़ाया जा सकता है जब किराएदार और मकान मालिक के बीच का अनुबंध खत्म हो चुका हो या उसमें किराया वृद्धि का कोई क्लॉज पहले से तय हो।

अगर मकान मालिक बिना लिखित सूचना के अचानक किराया बढ़ा देता है, तो किराएदार उसे कानूनी तरीके से चुनौती दे सकता है।

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बुनियादी सुविधाएं देना मकान मालिक की जिम्मेदारी

मकान मालिक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह घर में पानी, बिजली, और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए। वह इन्हें जानबूझकर काट नहीं सकता। अगर मकान मालिक बार-बार बिजली या पानी की सप्लाई में बाधा डालता है तो आप इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

Consumer Protection Act और Rent Control Laws के तहत यह किराएदार का अधिकार है कि उसे एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में रहने का मौका मिले।

अनुबंध के बिना जबरन निकाला नहीं जा सकता

यदि आपने किसी घर को किराए पर लिया है और उसके लिए एक वैध रेंट एग्रीमेंट-Rent Agreement मौजूद है, तो मकान मालिक आपको बिना उचित नोटिस दिए मकान से बाहर नहीं निकाल सकता। इसके लिए आमतौर पर 30 दिनों का नोटिस देना अनिवार्य होता है।

यदि मकान मालिक कोर्ट की प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए जबरन घर खाली करवाने की कोशिश करता है तो आप पुलिस और न्यायालय दोनों की मदद ले सकते हैं।

मानसिक उत्पीड़न या धमकी देना अपराध है

यदि मकान मालिक बार-बार आपको धमकाता है, मानसिक दबाव डालता है, या किसी तरह की हिंसा की कोशिश करता है, तो यह भारतीय दंड संहिता के तहत एक आपराधिक कृत्य माना जाता है। आप तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर FIR दर्ज करा सकते हैं।

IPC की धारा 503 और 506 के तहत धमकी और उत्पीड़न जैसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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किराएदार के अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में क्या करें?

  • अपने सभी दस्तावेज जैसे रेंट एग्रीमेंट, बिजली-पानी के बिल, किराया भुगतान की रसीद आदि संभालकर रखें।
  • मकान मालिक की कोई भी धमकी या उत्पीड़न को लेकर लिखित शिकायत स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज कराएं।
  • जरूरत पड़ने पर Rent Control Authority या Consumer Forum का दरवाजा खटखटाएं।
  • अगर मामला गंभीर है, तो वकील से सलाह लेकर कोर्ट में केस भी दायर किया जा सकता है।

कानून में प्रस्तावित बदलाव

भारत सरकार नए Model Tenancy Act 2021 के तहत मकान मालिक और किराएदार दोनों के अधिकारों को और स्पष्ट करने की दिशा में काम कर रही है। इस कानून में यह प्रस्ताव रखा गया है कि सभी किराया अनुबंधों को रजिस्टर्ड करना जरूरी होगा, जिससे दोनों पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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