
EPF क्लेम (Employees’ Provident Fund Claim) को लेकर आज भी लाखों कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार EPF क्लेम बार-बार रिजेक्ट हो जाता है, जिससे लोगों को समय और पैसे दोनों की हानि होती है। दरअसल, EPF क्लेम रिजेक्ट होने के पीछे कुछ आम लेकिन गंभीर गलतियां होती हैं, जो अक्सर लोगों की जानकारी के अभाव में हो जाती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 90% से ज्यादा लोग ये पांच सामान्य गलतियां करते हैं, जिनकी वजह से उनका क्लेम बार-बार रिजेक्ट हो जाता है।
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इस रिपोर्ट के आधार पर हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आखिर कौन-कौन सी वे गलतियां हैं, जिन्हें आपको हर हाल में टालना चाहिए, ताकि आपका EPF क्लेम आसानी से और समय पर पास हो सके।
गलत KYC जानकारी है सबसे बड़ी वजह
EPF क्लेम रिजेक्शन की सबसे बड़ी वजह गलत KYC डिटेल्स होती हैं। यदि आपके PF अकाउंट से जुड़े PAN, आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी सही तरीके से अपडेट नहीं है, तो आपका क्लेम ऑटोमेटिकली रिजेक्ट हो सकता है। कई बार नाम में स्पेलिंग की मामूली गलती या जन्म तिथि में अंतर की वजह से भी क्लेम पास नहीं होता। EPFO अब Aadhaar Based Verification पर ज़ोर दे रहा है, ऐसे में गलत KYC डिटेल सीधे रिजेक्शन का कारण बन सकती है।
UAN और Aadhaar का लिंक न होना
Universal Account Number (UAN) और आधार कार्ड का लिंक होना अनिवार्य है। यदि आपने अभी तक अपने UAN को आधार से लिंक नहीं किया है, तो क्लेम प्रोसेसिंग नहीं हो पाएगी। यह EPFO की नई गाइडलाइंस के तहत जरूरी कर दिया गया है। आधार लिंक न होने पर न केवल क्लेम रिजेक्ट होता है, बल्कि भविष्य में भी पेंशन और ट्रांसफर संबंधी सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं।
गलत बैंक डिटेल्स देना
क्लेम करते समय दी गई बैंक डिटेल्स (Bank Details) भी कई बार समस्या बन जाती हैं। अगर IFSC कोड, बैंक अकाउंट नंबर या बैंक का नाम गलत दर्ज किया गया है, तो क्लेम की राशि ट्रांसफर नहीं हो पाएगी और रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो जाएगी। इसके अलावा, जिस बैंक अकाउंट को EPF से लिंक किया गया है, वह बंद हो चुका है, तब भी समस्या आ सकती है। इसलिए क्लेम से पहले बैंक डिटेल्स को एक बार ज़रूर क्रॉसचेक करें।
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क्लेम का गलत कारण चुनना
EPF क्लेम करते समय पोर्टल पर जो विकल्प दिए जाते हैं, उनमें से गलत कारण का चयन करना भी रिजेक्शन की वजह बन सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप नौकरी में हैं और क्लेम “नौकरी छोड़ने” का कारण बताकर करते हैं, तो सिस्टम इसे ऑटोमैटिकली रिजेक्ट कर देगा। सभी क्लेम्स का विशिष्ट उद्देश्य होता है और संबंधित दस्तावेज़ों की मांग भी उसी अनुसार की जाती है। इसीलिए सही विकल्प का चयन करना बेहद जरूरी है।
सर्विस हिस्ट्री में गड़बड़ी
यदि आपकी सर्विस हिस्ट्री (Service History) EPFO के रिकॉर्ड में सही नहीं है, तो यह भी क्लेम रिजेक्शन का कारण बन सकता है। खासकर तब, जब आपने जॉब चेंज किया हो और पुराने अकाउंट से नए अकाउंट में फंड ट्रांसफर न किया गया हो। इसके चलते EPFO को यह स्पष्ट नहीं हो पाता कि आपने कितने समय तक सेवा दी है और किस आधार पर क्लेम किया जा रहा है। इस स्थिति में पहले पुराने फंड को नए UAN में ट्रांसफर करें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
EPF क्लेम से पहले नीचे दिए गए बिंदुओं पर विशेष ध्यान दें:
- UAN और Aadhaar का लिंक अपडेटेड हो
- KYC डिटेल्स सही और वैध हों
- बैंक अकाउंट एक्टिव और सही जानकारी वाला हो
- क्लेम का कारण सही तरीके से चयनित हो
- सभी डॉक्यूमेंट्स पहले से तैयार और अपलोड हों
क्लेम रिजेक्ट होने पर क्या करें?
अगर आपका क्लेम रिजेक्ट हो गया है, तो सबसे पहले EPFO के पोर्टल पर लॉगिन करें और रिजेक्शन का कारण जानें। इसके बाद उस गलती को सुधारें और दोबारा क्लेम करें। आप EPFO की हेल्पलाइन पर कॉल करके या नजदीकी EPF ऑफिस जाकर भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। अक्सर टेक्निकल कारणों से भी क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, जिसे सुधारने में ज्यादा समय नहीं लगता।
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भविष्य में परेशानी से बचने के उपाय
EPF क्लेम की प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने के लिए EPFO लगातार टेक्नोलॉजी आधारित बदलाव कर रहा है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी प्रोफाइल अपडेट रखें और समय-समय पर लॉगिन कर स्थिति जांचते रहें। इससे न केवल क्लेम के समय दिक्कतें कम होंगी, बल्कि भविष्य की प्लानिंग में भी सहूलियत होगी। EPF आज के दौर में एक महत्वपूर्ण निवेश है, जिसे सुरक्षित और सहज बनाए रखने के लिए जागरूकता बेहद आवश्यक है।