अब IRCTC से टिकट बुक करने से पहले करना होगा ये जरूरी काम, नहीं तो टिकट नहीं होगा कन्फर्म IRCTC New Booking Rule

1 मई 2025 से IRCTC ने ट्रेन टिकट बुकिंग के नियमों में किया बड़ा बदलाव, अब टिकट बुकिंग से लेकर रिफंड और वेटिंग टिकट तक सब कुछ बदला जानिए नया सिस्टम कैसे करेगा फर्जीवाड़े पर लगाम और यात्रियों को मिलेगी कैसी राहत।

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अब IRCTC से टिकट बुक करने से पहले करना होगा ये जरूरी काम, नहीं तो टिकट नहीं होगा कन्फर्म IRCTC New Booking Rule
अब IRCTC से टिकट बुक करने से पहले करना होगा ये जरूरी काम, नहीं तो टिकट नहीं होगा कन्फर्म IRCTC New Booking Rule

रेल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए IRCTC ने 1 मई 2025 से टिकट बुकिंग प्रक्रिया को लेकर कई अहम बदलाव किए हैं। “IRCTC का नया नियम” अब यात्रियों के लिए जरूरी बना दिया गया है, जिसमें बिना मोबाइल OTP वेरिफिकेशन के टिकट बुकिंग संभव नहीं होगी। इसके अलावा रिफंड पॉलिसी, एडवांस बुकिंग अवधि, वेटिंग टिकट की मान्यता और कैंसिलेशन चार्ज जैसी कई व्यवस्थाओं में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। यह कदम टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़ा रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।

अब टिकट बुकिंग से पहले जरूरी होगा मोबाइल OTP वेरिफिकेशन

IRCTC ने टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और सुरक्षित बनाने के लिए एक नया सिस्टम लागू किया है। अब जब भी कोई यात्री IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से टिकट बुक करेगा, तो पहले उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। जब तक यह OTP वेरिफाई नहीं किया जाएगा, यात्री पेमेंट पेज पर नहीं जा सकेगा। यह नियम सभी यात्रियों पर लागू होगा, चाहे वे नए हों या पहले से रजिस्टर्ड। इसका उद्देश्य है कि केवल असली यात्री ही टिकट बुक कर सकें और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

एडवांस बुकिंग अब केवल 90 दिन पहले तक ही संभव

अब यात्री ट्रेन टिकट केवल यात्रा की तारीख से अधिकतम 90 दिन पहले तक ही बुक कर सकेंगे। पहले यह अवधि 120 दिन की थी, लेकिन 1 मई 2025 से इसे घटाकर 90 दिन कर दिया गया है। हालांकि, यह नियम त्योहारों और स्पेशल ट्रेनों पर लागू नहीं होगा। इससे टिकट बुकिंग को अधिक व्यावहारिक और समयबद्ध बनाने का प्रयास किया गया है।

रिफंड प्रक्रिया अब पहले से तेज, सिर्फ 48 घंटे में मिलेगा पैसा

रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रिफंड पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। अब यदि यात्री अपना टिकट कैंसिल करता है, तो रिफंड केवल 48 घंटे यानी 2 दिनों के भीतर उसके बैंक खाते में पहुंच जाएगा। पहले यह प्रक्रिया 5 से 7 दिन लेती थी। यह सुविधा न केवल ऑनलाइन बल्कि रेलवे काउंटर से बुक किए गए टिकटों पर भी लागू होगी।

ई-टिकट का प्रिंट जरूरी नहीं, मोबाइल पर दिखाकर कर सकेंगे यात्रा

नए नियमों के अनुसार अब यात्रियों को ई-टिकट का प्रिंट आउट लेकर चलने की जरूरत नहीं है। अगर आपने टिकट ऑनलाइन बुक किया है, तो मोबाइल पर दिखाकर भी यात्रा की जा सकती है। इससे यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी और कागजी झंझट भी कम होगा।

कन्फर्म टिकट कैंसिलेशन पर लगेगा कोच के अनुसार चार्ज

यदि आप कन्फर्म टिकट को ट्रेन खुलने से 48 घंटे पहले कैंसिल करते हैं, तो आपको क्लास के अनुसार कैंसिलेशन चार्ज देना होगा। फर्स्ट AC या एग्जीक्यूटिव क्लास में यह शुल्क 240 रुपये है, 2AC या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये, 3AC के लिए 180 रुपये, स्लीपर क्लास में 120 रुपये और सेकंड क्लास के लिए 60 रुपये चार्ज देना होगा। इससे टिकट रद्द करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है।

वेटिंग टिकट वालों की अब नहीं होगी एसी या स्लीपर कोच में एंट्री

सबसे बड़ा बदलाव वेटिंग टिकट को लेकर किया गया है। 1 मई 2025 से यदि आपके पास वेटिंग टिकट है तो आप स्लीपर या AC कोच में यात्रा नहीं कर सकेंगे। पहले कई बार वेटिंग टिकट वाले यात्री यात्रा करते थे, जिससे कोच में भीड़ और अव्यवस्था होती थी। नए नियम के अनुसार केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही कोच में एंट्री मिलेगी, जिससे यात्रियों की यात्रा और भी सुरक्षित व व्यवस्थित हो सके।

रेलवे की पहल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने की दिशा में

इन सभी नियमों का उद्देश्य IRCTC के जरिए टिकट बुकिंग को और सुरक्षित, पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है। फर्जी बुकिंग को रोकना, यात्रियों का डेटा सुरक्षित रखना और रिफंड प्रोसेस को सरल बनाना IRCTC की प्राथमिकताओं में है। इस तरह के बदलावों से यात्री अनुभव बेहतर होगा और रेलवे में लोगों का विश्वास और भी मजबूत होगा।

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