
केसर को दुनिया का सबसे महंगा मसाला कहा जाता है और यह बात अब भारत में भी किसानों की कमाई का नया जरिया बन रही है। कम जगह में ज़्यादा मुनाफा देने वाली फसलों में केसर-Saffron की खेती अब केवल कश्मीर तक सीमित नहीं रही। अब आधुनिक तकनीकों और इंडोर सेटअप की मदद से केसर की खेती देश के कई राज्यों में हो रही है और इससे किसान लाखों की कमाई कर रहे हैं। केसर की मांग देश और विदेश दोनों जगह तेजी से बढ़ रही है, जिससे इसका व्यवसाय एक सुनहरा अवसर बन चुका है।
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कम जगह में केसर की खेती का बढ़ता चलन
नोएडा के रिटायर्ड इंजीनियर रमेश गेरा ने इस बात को सच कर दिखाया। उन्होंने अपने घर के एक छोटे से कमरे में एयर कंडीशनिंग, नियंत्रित लाइटिंग और ट्रे सिस्टम के ज़रिये केसर की खेती शुरू की। शुरुआती निवेश करीब ₹4 लाख का था, लेकिन साल भर में उन्हें 1.5 किलोग्राम केसर का उत्पादन हुआ, जिससे लगभग ₹3.5 लाख की कमाई हुई। उनका प्रयोग साबित करता है कि यदि वैज्ञानिक तकनीकों और थोड़ी सी समझदारी के साथ किया जाए, तो कम जगह में भी किसान शानदार मुनाफा कमा सकते हैं।
एरोपोनिक सिस्टम से लाखों की कमाई
गुजरात के दो दोस्तों ने एरोपोनिक तकनीक के माध्यम से एक क्रांतिकारी उदाहरण पेश किया है। इस पद्धति में मिट्टी का उपयोग नहीं होता, बल्कि पौधों की जड़ों को हवा में पोषक तत्त्वों की धुंध के ज़रिए पोषण दिया जाता है। उन्होंने केवल 216 वर्ग फुट में 1 किलोग्राम केसर का उत्पादन किया, जिसकी कीमत ₹9 लाख तक रही। इस उदाहरण ने यह सिद्ध कर दिया कि आधुनिक तकनीक से खेती के तरीके बदल रहे हैं और उससे जुड़े लोग भी।
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इंडोर फार्मिंग: नया रास्ता, नया मुनाफा
केवल एक 20×20 फीट के कमरे में भी केसर की खेती संभव है, बशर्ते सही तापमान, नमी और अंधेरे वातावरण को बनाए रखा जाए। कश्मीर से मंगाए गए कंद (Corms) को जुलाई से सितंबर के बीच 10-15 सेमी गहराई पर लगाएं। तापमान 15-20°C और नमी 70-80% होनी चाहिए। 90-100 दिन बाद फूल आएंगे, जिनसे केसरिया रेशे (stigmas) हाथ से निकालकर सुखाए जाते हैं। सही देखभाल से 1-2 किलो केसर तक उत्पादन संभव है।
इस तरह के इंडोर फार्म में मल्टी-टियर ट्रे सिस्टम के ज़रिए 900 से 1100 ग्राम तक केसर का उत्पादन किया जा सकता है। इस प्रणाली में 90 से 100 दिनों तक कंदों को विशेष परिस्थितियों में रखा जाता है। इस तरह की खेती बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकती है।
बीज और लागत की जानकारी
इस खेती के लिए सबसे ज़रूरी है – उच्च गुणवत्ता वाले केसर के कंद जो विशेष रूप से कश्मीर से मंगाए जाते हैं। इसके साथ ही आपको अपने सेटअप के लिए एसी, ह्यूमिडिफायर, ग्रो लाइट्स, ट्रे और रैक जैसी चीजों की जरूरत होती है। यदि आप 10×10 के कमरे से शुरुआत करते हैं, तो आपकी लागत ₹3 लाख से ₹6 लाख तक हो सकती है, जिसमें बिजली और मेंटेनेंस भी शामिल है।
बिक्री और कमाई की अपार संभावनाएं
भारत में केसर की कीमत ₹2.5 लाख से ₹3 लाख प्रति किलोग्राम तक होती है, जबकि विदेशों में यह ₹6 लाख प्रति किलोग्राम तक जाती है। एक छोटे सेटअप से 1 से 2 किलोग्राम केसर का उत्पादन संभव है, जिससे प्रति सीजन ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की कमाई हो सकती है। यदि सही बिक्री चैनल बन जाएं, तो निर्यात से भी अच्छी आमदनी संभव है।
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