
दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में पुलिस प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था को बनाए रखने और अपराध पर लगाम लगाने के उद्देश्य से किरायेदारों का सत्यापन (Tenant Verification) अनिवार्य कर दिया गया है। इसी क्रम में हाल ही में पुलिस ने बड़ा ऐक्शन लिया है। किरायेदारों का सत्यापन नहीं करवाने पर पुलिस ने कई मकान मालिकों पर कार्रवाई करते हुए कुल ₹16 लाख का चालान जारी किया है। यह कार्रवाई कानून के प्रति लापरवाही बरतने वालों के लिए एक सख्त संदेश है।
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सत्यापन की अनदेखी पर बड़ी कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में की गई है। पुलिस ने एक विशेष जांच अभियान के दौरान पाया कि बड़ी संख्या में मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों का सत्यापन नहीं करवाया है। Tenant Verification का मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि किरायेदार का आपराधिक रिकॉर्ड न हो और उसकी पहचान प्रमाणित हो।
कानून के मुताबिक, किरायेदार के प्रवेश से पहले मकान मालिक को उसकी जानकारी नजदीकी थाने में जमा करानी होती है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से संभव है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
किन क्षेत्रों में हुई कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक यह ऐक्शन मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में लिया गया जहां आपराधिक घटनाएं पहले भी सामने आई हैं या फिर घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं। साउथ दिल्ली, ईस्ट दिल्ली और नोएडा के कुछ इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे मकान मालिक मिले जिन्होंने नियमों की अनदेखी की।
सिर्फ 10 दिनों में करीब 800 मकान मालिकों की जांच की गई और इनमें से 300 से अधिक मकान मालिक ऐसे पाए गए जिन्होंने किरायेदारों का सत्यापन नहीं करवाया था। नतीजतन, इन पर अलग-अलग राशि के चालान लगाए गए जिनकी कुल राशि ₹16 लाख से अधिक रही।
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पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। मकान मालिकों को चेतावनी दी गई है कि वे नियमों का पालन करें वरना कानूनी कार्रवाई झेलने को तैयार रहें। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “Tenant Verification कानून व्यवस्था के लिए बेहद आवश्यक है। बिना सत्यापन के किसी भी अनजान व्यक्ति को घर देना सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।”
ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा
पुलिस ने आम जनता को जागरूक करते हुए बताया है कि किरायेदारों का सत्यापन अब बेहद आसान हो गया है। अधिकतर पुलिस थानों की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म उपलब्ध हैं, जिन्हें भरकर सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसके लिए किरायेदार की आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर और मकान मालिक की जानकारी जरूरी होती है।
यह प्रक्रिया डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत काफी सरल और पारदर्शी बनाई गई है, ताकि आम लोग आसानी से इसका पालन कर सकें।
किरायेदार सत्यापन की अहमियत
Tenant Verification न केवल पुलिस के लिए बल्कि मकान मालिकों और आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कई बार अपराधी तत्व किरायेदार के रूप में छिपकर रह जाते हैं और फिर बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं। समय रहते किया गया सत्यापन ऐसे जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
इसके अलावा, यह कानूनी रूप से भी आवश्यक है। धारा 188 के तहत अगर कोई व्यक्ति सरकारी आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे जुर्माना और जेल, दोनों हो सकते हैं।
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भविष्य की योजना
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में इस तरह की कार्रवाई और अधिक सख्ती से की जाएगी। विशेष अभियान चलाकर हर इलाके की जांच की जाएगी। पुलिस विभाग ने स्थानीय आरडब्ल्यूए और सोसायटी प्रबंधकों से भी सहयोग मांगा है ताकि सत्यापन को व्यापक रूप से लागू किया जा सके।
इस तरह की सख्ती का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति बिना वैध पहचान और सत्यापन के शहरी क्षेत्र में न रह सके, जिससे अपराध पर लगाम लगाई जा सके।