CBSE मार्कशीट में लिखे इन 9 शब्दों का मतलब नहीं जानते? देखें अभी

CBSE की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में लिखे ये 9 अंग्रेज़ी शब्द आपके भविष्य की राह तय कर सकते हैं। कहीं आप भी इनका गलत मतलब तो नहीं समझ रहे? जानिए हर शब्द का असली अर्थ, ताकि न हो कोई गलती कॉलेज एडमिशन या जॉब अप्लाई करते समय

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CBSE मार्कशीट में लिखे इन 9 शब्दों का मतलब नहीं जानते? देखें अभी
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CBSE (Central Board of Secondary Education) की मार्कशीट छात्रों के लिए न केवल उनके परीक्षा परिणाम का प्रमाण होती है, बल्कि उनके भविष्य का भी निर्धारण करती है, जिस कारण यह बेहद जरुरी दस्तावेज है, लेकिन कई बार CBSE मार्कशीट (CBSE Marksheet) में कुछ ऐसे अंग्रेजी शब्द या संक्षिप्त रूप होते हैं, जिनका मतलब छात्रों और अभिभावकों को ठीक से समझ में नहीं आता। ऐसे 9 शब्दों के अर्थ को जानना बेहद जरूरी है ताकि कोई भी भ्रम या गलती भविष्य में परेशानी न बने।

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इस लेख में हम CBSE की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में लिखे गए 9 मुख्य शब्दों का मतलब सरल हिन्दी में समझाएंगे, और यह भी बताएंगे कि ये शब्द छात्रों की ग्रेडिंग या प्रदर्शन से कैसे जुड़े हैं।

Result: Pass/Essential Repeat/Compartment का मतलब

CBSE मार्कशीट में सबसे महत्वपूर्ण शब्द होता है “Result”। इसके आगे जो शब्द लिखा होता है, वही छात्र के पूरे परीक्षा परिणाम को दर्शाता है।

  • Pass: इसका अर्थ है छात्र ने सभी विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त कर लिए हैं और वह परीक्षा में सफल घोषित किया गया है।
  • Compartment: यह तब लिखा जाता है जब छात्र किसी एक या दो विषयों में पास नहीं हो पाता। ऐसे छात्र को उन विषयों में दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलता है।
  • Essential Repeat: यह शब्द उस स्थिति में आता है जब छात्र दो या अधिक विषयों में फेल होता है। उसे अगली परीक्षा में सभी विषयों को फिर से देना पड़ता है।

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Grade और CGPA का अर्थ

CBSE मार्कशीट में अंकों की जगह ग्रेड और CGPA (Cumulative Grade Point Average) लिखा होता है। यह ग्रेडिंग सिस्टम छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए लाया गया था।

  • Grade: यह A1, A2, B1, B2 जैसे फॉर्मेट में दिया जाता है और एक निर्धारित अंक सीमा को दर्शाता है।
  • CGPA: यह सभी विषयों के ग्रेड पॉइंट का औसत होता है। जैसे अगर किसी छात्र का CGPA 9.2 है, तो वह काफी अच्छा प्रदर्शन मान जाता है। इसे 9.2 × 9.5 = 87.4% से प्रतिशत में बदला जा सकता है।

Subject Code और Theory/Practical Marks

हर विषय के आगे एक कोड लिखा होता है जिसे Subject Code कहते हैं। यह कोड यूनिक होता है और CBSE की डेटाशीट या एडमिट कार्ड में भी यही कोड दिखता है।

  • Theory Marks: यह उस विषय की लिखित परीक्षा के अंक होते हैं।
  • Practical Marks: यह प्रयोगात्मक परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन के अंक होते हैं।

Result Status और Remarks का अर्थ

  • Result Status: यह फाइनल निर्णय होता है कि छात्र पास है या नहीं। इसमें “PASS”, “FAIL”, “COMPARTMENT” जैसे शब्द हो सकते हैं।
  • Remarks: इसमें अतिरिक्त जानकारी होती है जैसे कि “Eligible for Improvement” या “Repeat the class” आदि।

Roll Number और Admit Card ID का महत्व

CBSE मार्कशीट में सबसे ऊपर Roll Number और Admit Card ID लिखा होता है।

  • Roll Number: परीक्षा में बैठते समय छात्र का यूनिक आईडी नंबर होता है, जिससे उसकी पहचान की जाती है।
  • Admit Card ID: यह भी एक यूनिक कोड होता है जो एडमिट कार्ड से मेल खाता है।

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School Code और Name of Examination

  • School Code: यह कोड उस स्कूल का यूनिक नंबर होता है जो CBSE से मान्यता प्राप्त होता है।
  • Name of Examination: इसमें लिखा होता है कि यह 10वीं की परीक्षा है (Secondary School Examination) या 12वीं की (Senior School Certificate Examination)।

Stream या विषय समूह की जानकारी

12वीं की मार्कशीट में Stream का ज़िक्र होता है, जैसे Science, Commerce या Humanities। इसके अनुसार ही विषय निर्धारित होते हैं और आगे की पढ़ाई की दिशा तय होती है।

Performance Indicator शब्द का अर्थ

CBSE ने कई बार नई प्रणाली में Performance Indicator शब्द का इस्तेमाल किया है जो छात्र के कुल प्रदर्शन को ग्रेड या प्रतिशत के रूप में दर्शाता है। यह स्कूल और बोर्ड स्तर के मूल्यांकन का सम्मिलित रूप होता है।

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Improvement और Additional Subject

  • Improvement: यदि कोई छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं है, तो वह सुधार परीक्षा दे सकता है। मार्कशीट में यह “Improvement” के रूप में दर्शाया जाता है।
  • Additional Subject: कोई छात्र यदि एक अतिरिक्त विषय में परीक्षा देता है, तो वह अलग कॉलम में दर्ज होता है।

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