
आज के समय में पर्सनल लोन (Personal Loan) एक बेहद लोकप्रिय वित्तीय विकल्प बन चुका है। जब भी कोई व्यक्ति अचानक आई मेडिकल इमरजेंसी, शादी, बच्चों की पढ़ाई या किसी अन्य जरूरी खर्च के लिए धन की आवश्यकता महसूस करता है, तो सबसे पहले पर्सनल लोन का विकल्प सामने आता है। इसकी प्रक्रिया सरल है और कई बार बिना किसी सिक्योरिटी के भी मिल जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर आपने इसे सावधानी से नहीं लिया, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
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क्रेडिट स्कोर गिरने की असली वजह
पर्सनल लोन लेना अपने-आप में गलत नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है कि आपने उसे कैसे मैनेज किया है। जब आप कोई भी लोन लेते हैं, तो उसका असर सीधे तौर पर आपके CIBIL स्कोर या किसी अन्य क्रेडिट स्कोरिंग एजेंसी के स्कोर पर पड़ता है।
पर्सनल लोन लेने से पहले ही एक हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry) होती है, जिसमें बैंक या फाइनेंशियल संस्था आपके क्रेडिट स्कोर को चेक करती है। अगर आप एक साथ कई बैंकों या NBFCs को अप्लाई करते हैं, तो कई हार्ड इंक्वायरी होने से स्कोर गिर सकता है।
एक से अधिक लोन लेने का जोखिम
बहुत से लोग एक लोन के बाद दूसरा पर्सनल लोन लेने की कोशिश करते हैं। इससे आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (Credit Utilization Ratio) बढ़ जाता है, जो क्रेडिट स्कोर को नीचे ले जा सकता है। अगर आपकी इनकम के अनुपात में आपकी देनदारी ज्यादा हो जाए, तो फाइनेंशियल संस्थाएं आपको हाई-रिस्क कैटेगरी में डाल देती हैं।
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लोन का भुगतान करने में चूक बनी सबसे बड़ी समस्या
यदि आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते या चूक (default) करते हैं, तो यह सीधे आपके क्रेडिट स्कोर पर असर डालता है। समय पर भुगतान नहीं करना क्रेडिट हिस्ट्री को खराब करता है और भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) लेने की संभावनाएं कम कर देता है।
इमरजेंसी में ही लें पर्सनल लोन
पर्सनल लोन को तभी लेना चाहिए जब कोई विकल्प न बचे। बहुत से लोग छुट्टियों पर जाने, लग्ज़री वस्तुएं खरीदने या मौज-मस्ती के लिए भी पर्सनल लोन ले लेते हैं, जो कि एक गलत आदत है। यह आदत आपको ऋण-जाल (Debt Trap) में फंसा सकती है और धीरे-धीरे आपकी फाइनेंशियल हेल्थ खराब कर सकती है।
सही रणनीति अपनाकर बचा सकते हैं क्रेडिट स्कोर
पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ अहम बातों का ध्यान रखकर आप अपने क्रेडिट स्कोर को गिरने से बचा सकते हैं। सबसे पहले, लोन की जरूरत को अच्छे से समझें और यह सुनिश्चित करें कि आप समय पर EMI चुका पाएंगे। दूसरा, एक से अधिक लोन लेने से बचें। तीसरा, हर EMI को टाइम पर भरना जरूरी है, चाहे वह छोटी राशि ही क्यों न हो।
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लोन चुकाने के बाद भी करें निगरानी
पर्सनल लोन पूरी तरह चुकाने के बाद भी यह जरूरी है कि आप अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी (Credit Monitoring) करें। कई बार लोन बंद होने के बावजूद ब्यूरो में अपडेट नहीं होता, जिससे स्कोर पर गलत असर पड़ सकता है। इसलिए हमेशा बैंक से लोन क्लोजर सर्टिफिकेट (Loan Closure Certificate) लेना चाहिए।
कर्ज लेने से पहले वित्तीय योजना बनाएं
हर व्यक्ति को अपने मासिक बजट के हिसाब से ही कर्ज लेना चाहिए। यदि आपकी आय का बड़ा हिस्सा पहले से ही EMI में जा रहा है, तो नया पर्सनल लोन आपकी स्थिति और खराब कर सकता है। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के बिना कोई भी कर्ज लेना खतरनाक साबित हो सकता है।