1 मिनट सिग्नल पर रुककर आपकी गाड़ी कितना पेट्रोल पी जाती है? पता है क्या?

हर बार जब आप ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ी स्टार्ट रखकर खड़े रहते हैं, तो आप अनजाने में न सिर्फ हजारों रुपये का पेट्रोल गंवा रहे होते हैं, बल्कि देश को भी करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। जानिए इस छोटी-सी आदत का बड़ा असर और इससे बचने का आसान तरीका

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1 मिनट सिग्नल पर रुककर आपकी गाड़ी कितना पेट्रोल पी जाती है? पता है क्या?
1 मिनट सिग्नल पर रुककर आपकी गाड़ी कितना पेट्रोल पी जाती है? पता है क्या?

1 मिनट ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी गाड़ी कितनी मात्रा में पेट्रोल खपत करती है, यह एक ऐसा सवाल है जो आमतौर पर वाहन चालकों के दिमाग में आता है, लेकिन इसका सीधा जवाब कम ही लोगों को पता होता है, ट्रैफिक जाम और सिग्नल पर हर दिन लाखों वाहन बिना किसी खास वजह के इंजन चालू रखकर खड़े रहते हैं, और इससे न सिर्फ ईंधन की बर्बादी होती है बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ता है।

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कितना पेट्रोल खपत करता है एक मिनट का स्टॉप?

वाहन बनाने वाली कंपनियों और ऑटोमोबाइल इंजीनियरों के अनुसार, एक औसत पेट्रोल इंजन वाली कार जब एक मिनट तक चालू अवस्था में बिना मूवमेंट के खड़ी रहती है, तो वह लगभग 10 से 12 मिलीलीटर पेट्रोल जला देती है। यानी अगर आप रोज़ाना 10 मिनट भी सिग्नल पर गाड़ी स्टार्ट रखकर खड़े रहते हैं, तो करीब 100 से 120 मिलीलीटर पेट्रोल बर्बाद होता है। महीने भर में यह आंकड़ा 3 से 4 लीटर तक पहुंच सकता है।

सालाना कितना होता है नुकसान?

अगर यह बर्बादी प्रति वाहन स्तर पर देखी जाए तो यह एक छोटी मात्रा लगेगी, लेकिन जब इसे देशभर के वाहनों पर लागू किया जाए तो यह आकंड़े चौंकाने वाले होते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में रोज़ाना ट्रैफिक लाइट्स पर इंजन चालू रखकर खड़ी रहने से 130 करोड़ रुपये से ज्यादा का पेट्रोल-डीजल बर्बाद हो जाता है। इसका मतलब है कि एक साल में यह आंकड़ा 47,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है।

क्या कहती है सरकार और एनर्जी संस्थाएं?

सरकारी ऊर्जा मंत्रालय और पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (PCRA) जैसी संस्थाएं समय-समय पर लोगों को जागरूक करती रही हैं कि वाहन रोकते समय इंजन बंद करें। PCRA के अनुसार, यदि हर वाहन चालक यह आदत बना ले कि सिग्नल पर 10 सेकंड से अधिक रुकने की स्थिति में इंजन बंद कर दे, तो पूरे देश में सालाना करोड़ों लीटर पेट्रोल और डीज़ल की बचत की जा सकती है। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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पर्यावरणीय असर भी है गंभीर

Petrol और Diesel के जलने से निकलने वाली गैसों में मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और पार्टिकुलेट मैटर (PM) शामिल होते हैं। जब वाहन बिना मूवमेंट के स्टार्ट रहते हैं, तब भी ये प्रदूषक वायु में घुलते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सिग्नल पर गाड़ी का इंजन बंद कर देना न सिर्फ ईंधन की बचत करता है बल्कि वायु प्रदूषण को भी 25-30% तक घटा सकता है

आधुनिक गाड़ियों में स्टार्ट-स्टॉप तकनीक

आजकल कई गाड़ियों में ऑटोमैटिक स्टार्ट-स्टॉप टेक्नोलॉजी दी जाती है, जो ट्रैफिक सिग्नल पर या गाड़ी रुकने पर अपने आप इंजन बंद कर देती है और जैसे ही ड्राइवर एक्सीलेरेटर दबाता है, इंजन दोबारा चालू हो जाता है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से शहरों में ड्राइविंग के दौरान 5% से 10% तक ईंधन की बचत संभव हो पाती है। आने वाले समय में यह तकनीक अधिक से अधिक वाहनों में स्टैंडर्ड बनने की उम्मीद है।

क्या करें वाहन चालक?

  1. यदि आप ट्रैफिक सिग्नल या रेलवे क्रॉसिंग पर 10 सेकंड से अधिक रुक रहे हैं, तो इंजन बंद कर दें।
  2. गाड़ी को नियमित रूप से सर्विस कराएं ताकि इंजन की कार्यक्षमता बनी रहे और ईंधन की खपत कम हो।
  3. वाहन स्टार्ट करते समय एक्सीलेटर ज्यादा न दबाएं क्योंकि इससे अतिरिक्त ईंधन जलता है।
  4. Electric Vehicle (EV) या Hybrid वाहन का विकल्प सोचें, जिससे ईंधन की बचत और पर्यावरण सुरक्षा दोनों हो।

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सरकार और पब्लिक को मिलकर करना होगा प्रयास

यह जिम्मेदारी केवल वाहन चालकों की नहीं बल्कि सरकार की भी है कि वह ट्रैफिक सिग्नल्स पर ऐसे साइनबोर्ड लगाए जो लोगों को इंजन बंद करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही, मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से भी अभियान चलाकर जनता को जागरूक करना आवश्यक है।

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