
आज के समय में हर व्यक्ति अपने भविष्य की चिंता में कहीं न कहीं पैसा निवेश करता है, ज्यादातर व्यक्ति पोस्ट ऑफिस की स्कीमों में निवेश करते है, और अगर आपने भी पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा किया है,और अब Income Tax Return (ITR) फाइल करने जा रहे हैं, तो कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों (Documents) की जरूरत पड़ेगी। पोस्ट ऑफिस की सेवाएं, खासतौर पर बचत योजनाएं जैसे PPF, NSC, RD और TD आदि, टैक्स छूट और निवेश के लिए लोकप्रिय हैं। लेकिन ITR फाइल करते समय इन योजनाओं से जुड़ी जानकारी सही-सही भरना अनिवार्य होता है।
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जब कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस में पैसा निवेश करता है, तो वह ज्यादातर टैक्स बचाने के मकसद से होता है। सरकार ने Income Tax Act की धारा 80C के तहत पोस्ट ऑफिस की कई योजनाओं को टैक्स छूट के दायरे में रखा है। लेकिन इनका लाभ लेने के लिए सही डॉक्यूमेंट्स का होना ज़रूरी है।
ITR फाइल करते समय आपको यह जानकारी देनी होती है कि आपने किस योजना में कितना पैसा जमा किया, उस पर कितना ब्याज मिला, और क्या वह ब्याज टैक्सेबल है या नहीं। इसके लिए जरूरी है कि आपके पास पोस्ट ऑफिस से जुड़ा पूरा स्टेटमेंट और जमा राशि का प्रमाण हो।
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स जरूरी हैं?
- इंटरेस्ट सर्टिफिकेट (Interest Certificate)
यह सर्टिफिकेट यह बताता है कि वित्तीय वर्ष में पोस्ट ऑफिस की योजनाओं से आपको कितना ब्याज मिला। इस ब्याज की जानकारी ITR में देना अनिवार्य है, भले ही वह टैक्स फ्री हो। - डिपॉजिट सर्टिफिकेट (Deposit Certificate)
पोस्ट ऑफिस की योजनाओं जैसे National Savings Certificate (NSC), Time Deposit (TD), Recurring Deposit (RD) आदि में निवेश करने पर एक डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलता है, जो आपके निवेश का प्रमाण होता है। - PPF पासबुक या स्टेटमेंट
Public Provident Fund (PPF) अकाउंट में जमा की गई राशि पर टैक्स छूट मिलती है। ITR में यह दिखाने के लिए पासबुक या ई-स्टेटमेंट की जरूरत होती है। - Form 26AS और AIS/TIS रिपोर्ट से मिलान
Form 26AS और Annual Information Statement (AIS) में पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले ब्याज की जानकारी पहले से ही जुड़ जाती है। लेकिन कई बार यह जानकारी गलत हो सकती है, इसलिए पोस्ट ऑफिस से मिले सर्टिफिकेट से इसका मिलान ज़रूरी है।
कहां से डाउनलोड करें ये डॉक्यूमेंट्स?
पोस्ट ऑफिस ने अब कई सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा दिया है।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) या पोस्ट ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करके आप अपना इंटरेस्ट सर्टिफिकेट और डिपॉजिट डिटेल्स डाउनलोड कर सकते हैं।
- इसके लिए आपका अकाउंट इंटरनेट बैंकिंग से लिंक होना जरूरी है।
- आप नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाकर भी ये डॉक्यूमेंट्स मांग सकते हैं।
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ब्याज पर टैक्स नियम
हर पोस्ट ऑफिस योजना में मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं होता। उदाहरण के तौर पर:
- PPF और Sukanya Samriddhi Account का ब्याज टैक्स फ्री होता है।
- लेकिन RD, TD, और SCSS जैसी योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है।
अगर किसी खाते पर मिलने वाला ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से ज्यादा है, तो TDS काटा जा सकता है। इसे ITR में दिखाना अनिवार्य होता है।
क्यों जरूरी है सही जानकारी देना?
अगर आपने पोस्ट ऑफिस की योजनाओं से हुई आमदनी को ITR में नहीं दिखाया, तो आयकर विभाग (Income Tax Department) आपको नोटिस भेज सकता है। AIS रिपोर्ट में दी गई जानकारी का मिलान आपके द्वारा फाइल किए गए ITR से होता है। किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में पेनाल्टी लग सकती है।
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रिन्यूएबल एनर्जी या आईपीओ-IPO में निवेश के समान है पोस्ट ऑफिस सेवाएं?
हालांकि पोस्ट ऑफिस की योजनाएं सुरक्षित और स्थिर मानी जाती हैं, लेकिन ये शेयर मार्केट आधारित निवेश जैसे IPO या Mutual Funds के मुकाबले कम रिटर्न देती हैं। लेकिन जो निवेशक Low-Risk Investment पसंद करते हैं और टैक्स छूट चाहते हैं, उनके लिए ये सेवाएं एक बेहतरीन विकल्प हैं।