
शादी में 7 फेरे एक प्राचीन हिंदू परंपरा हैं, जो दंपत्ति के जीवन में एक स्थिर और खुशहाल शुरुआत का प्रतीक माने जाते हैं। इन सात फेरों में हर फेरा एक महत्वपूर्ण उद्देश्य को पूरा करता है और जीवन के विभिन्न पहलुओं को जोड़ता है। हर एक फेरा एक खास वचन के साथ लिया जाता है, जो कि जीवनभर एक-दूसरे के प्रति प्रेम, विश्वास और समर्थन का वचन होता है।
यह भी देखें: फ्रिज में गैस भरने के कितने लगते हैं पैसे, पहले यहाँ रेट देख लो Fridge Gas Filling Price
सात फेरों के वचन और उनके महत्व
पहला फेरा: पहला फेरा, भोजन और धन के वचन से जुड़ा है। इसमें दंपत्ति एक-दूसरे से यह वचन लेते हैं कि वे एक-दूसरे की खुशहाली और सुख-संपत्ति में योगदान करेंगे।
दूसरा फेरा: दूसरा फेरा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के वचन से संबंधित है, जिसमें दोनों एक-दूसरे की सेहत का ख्याल रखने का वचन लेते हैं।
तीसरा फेरा: तीसरा फेरा, परिवार के महत्व को दर्शाता है, जिसमें वे अपने परिवार और बच्चों का पालन-पोषण करने का वचन लेते हैं।
चौथा फेरा: चौथा फेरा, रिश्तों की मजबूती से जुड़ा है, जिसमें वे एक-दूसरे के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने का वचन लेते हैं।
पांचवां फेरा: पांचवां फेरा, अच्छे कार्यों और जीवन में सही मार्ग पर चलने का वचन होता है।
छठा फेरा: छठा फेरा, प्रेम और मित्रता को दर्शाता है, जिसमें वे हमेशा एक-दूसरे के साथ प्रेम और समझ से रहने का वचन लेते हैं।
सातवां फेरा: सातवां फेरा, जीवनभर साथ रहने का वचन है, जिसमें वे एक-दूसरे के साथ हर सुख-दुख में साथ रहने का संकल्प लेते हैं।
सात फेरों का महत्व और ‘7’ अंक का रहस्य
इन सात फेरों का मुख्य उद्देश्य यह है कि विवाह केवल एक समारोह नहीं, बल्कि एक लंबी और सशक्त यात्रा की शुरुआत है, जिसमें दोनों पार्टनर जीवनभर एक-दूसरे के साथ होते हैं। ‘7’ अंक का चुनाव विशेष रूप से इसलिए किया गया क्योंकि यह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में ‘7’ अंक को शुभ माना जाता है और यह अंक विभिन्न प्राकृतिक और धार्मिक संदर्भों से जुड़ा होता है, जैसे सप्तऋषि, सप्तद्वीप आदि।
यह भी देखें: Mobile Insurance लेना सही है या पैसे की बर्बाद? बचेगा आपका कीमती फोन और पैसा दोनों
शादी में सात फेरों के पीछे वैज्ञानिक कारण
शादी में सात फेरों की परंपरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें एक गहरा वैज्ञानिक और मानसिक आधार भी छिपा हुआ है। इन सात फेरों को जोड़ने के पीछे कई कारण हैं, जिनका संबंध मानवता के शारीरिक और मानसिक संतुलन से है। आइए जानें कि क्यों सात फेरों का यह पुराना रिवाज इतना महत्वपूर्ण है और इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण हो सकते हैं।
सात फेरों का शारीरिक संतुलन
विवाह के सात फेरों के दौरान दंपत्ति शारीरिक रूप से एक-दूसरे के करीब होते हैं। यह निकटता शारीरिक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाती है और दोनों शरीरों के बीच सकारात्मक उर्जा का संचार करती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह प्रक्रिया एक तरह से ऊर्जा को एक दूसरे में स्थानांतरित करने का काम करती है, जिससे दोनों शरीर के ऊर्जा चक्रों को संतुलित किया जा सकता है।
मानसिक और भावनात्मक संतुलन
सात फेरों में हर फेरा एक वचन के रूप में लिया जाता है, जो मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह वचन दंपत्ति को एक-दूसरे के प्रति ज़िम्मेदारी का एहसास कराता है, जिससे रिश्ते में स्थिरता और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। इस प्रकार, हर फेरा एक मानसिक शक्ति का स्रोत बनता है, जो दंपत्ति को जीवनभर एक दूसरे का साथ देने का संकल्प दिलाता है।
न्यूरोलॉजिकल कनेक्शन
जब दंपत्ति सात फेरों के दौरान एक-दूसरे से जुड़ते हैं, तो यह प्रक्रिया उनके न्यूरोलॉजिकल कनेक्शनों को भी सक्रिय करती है। हाथ पकड़ने और साथ चलने से मस्तिष्क में ऑक्सीटोसिन जैसे ‘प्रेम हार्मोन’ का स्राव होता है, जो दंपत्ति के बीच भरोसा और आत्मीयता को बढ़ाता है। यह न्यूरोलॉजिकल प्रतिक्रिया शादी के रिश्ते को और भी मजबूत बनाती है।
यह भी देखें: कार की चोरी से हैं परेशान? सिर्फ एक ट्रिक से गाड़ी को बना सकते हैं चोरी प्रूफ, चोर भी रह जाएंगे हैरान!