
आयकर विभाग (Income Tax Department) की नजर लगातार टैक्स चोरी और गलत रिटर्न दाखिल करने वालों पर बनी हुई है। अगर आप भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आयकर नियमों का पालन करना हर टैक्सपेयर के लिए अनिवार्य है, और अगर आपने किसी जरूरी नियम की अनदेखी की तो न सिर्फ आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है, बल्कि जेल भी हो सकती है।
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पैन-आधार लिंकिंग नहीं की तो बढ़ सकती है परेशानी
आयकर विभाग ने साफ कर दिया है कि पैन कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) को लिंक करना अनिवार्य है। अगर कोई व्यक्ति 30 जून 2023 तक यह काम नहीं करता है, तो उसका पैन कार्ड अमान्य घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। बिना वैध पैन कार्ड के कोई भी वित्तीय लेन-देन नहीं किया जा सकता। यह Income Tax Alert हर टैक्सपेयर को गंभीरता से लेना चाहिए।
गलत जानकारी देने पर हो सकती है जेल
आयकर अधिनियम की धारा 277 के तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत जानकारी देता है, या आय छुपाने की कोशिश करता है, तो यह एक गंभीर अपराध माना जाता है। अगर यह साबित हो जाए कि टैक्सपेयर ने जानबूझकर गलत तथ्यों के आधार पर ITR भरा है, तो उसे न्यूनतम 3 साल और अधिकतम 7 साल की जेल हो सकती है। इसके साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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फर्जी दस्तावेज़ों का प्रयोग भी बना सकता है मुसीबत
अगर आप ITR भरने के दौरान फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि गलत इन्वेस्टमेंट प्रूफ, फर्जी मेडिकल बिल्स, या डमी डोनेशन रिसीट्स, तो यह टैक्स चोरी की श्रेणी में आता है। आयकर विभाग के पास अब एडवांस डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकें हैं, जिससे वह तुरंत ऐसे मामलों को पकड़ सकता है। टैक्सपेयर्स को इस Income Tax Alert को गंभीरता से लेना चाहिए।
आईटीआर भरने में देरी पर लगेगा जुर्माना
अगर आपने तय समयसीमा के बाद ITR दाखिल किया, तो आपको लेट फाइन भरना पड़ेगा। यह फाइन 5,000 रुपये तक हो सकता है, अगर आपकी सालाना आय ₹5 लाख से अधिक है। ₹5 लाख से कम आय वालों के लिए यह जुर्माना ₹1,000 तक सीमित है। इसके अलावा देरी से रिटर्न भरने पर आपको रिफंड में भी देरी हो सकती है और ब्याज का नुकसान हो सकता है।
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टैक्स चोरी की कोशिश पर आयकर विभाग की कड़ी नजर
आयकर विभाग अब केवल रिटर्न फाइल करने तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड खर्च, विदेशी यात्रा, शेयर बाजार (Stock Market), आईपीओ-IPO में निवेश जैसी जानकारियों को भी ट्रैक करता है। अगर आपकी घोषित आय और खर्च में बड़ा अंतर पाया जाता है, तो विभाग नोटिस भेज सकता है और जांच भी शुरू कर सकता है।
टैक्स पेमेंट में देरी पर भी लग सकता है ब्याज
अगर आपने समय पर टैक्स नहीं भरा या टैक्स में कोई बकाया रह गया है, तो उस पर 1% प्रतिमाह की दर से ब्याज लगाया जाता है। यह राशि धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और अंततः बड़ी रकम में बदल सकती है। इसलिए समय पर सही राशि में टैक्स भुगतान अत्यंत आवश्यक है।
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कर सुधारों के बाद आयकर विभाग की निगरानी और सख्त
सरकार द्वारा कर व्यवस्था को पारदर्शी और डिजिटल बनाए जाने के बाद टैक्स डिफॉल्टर के लिए बचने का कोई विकल्प नहीं बचा है। अब सभी जानकारी एक नेटवर्क से जुड़ी हुई है, चाहे वह बैंकिंग हो, निवेश हो या फिर रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर में किए गए निवेश। इसलिए टैक्सपेयर्स को सभी नियमों का पालन करते हुए सटीक ITR भरना चाहिए।