
ज़मीन खरीदने का फैसला जीवन का एक बड़ा निवेश होता है, लेकिन ज़रा सी चूक या जल्दबाज़ी इस निर्णय को भारी पछतावे में बदल सकती है। भारत में कई लोग प्रॉपर्टी खरीदते वक्त धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, क्योंकि वे ज़रूरी दस्तावेज़ों की जांच नहीं करते या गलत एजेंट पर भरोसा कर बैठते हैं। ऐसे में यह समझना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि ज़मीन खरीदते समय किन चार मुख्य गलतियों से बचना चाहिए, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे और भविष्य में कोई कानूनी उलझन न हो।
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दस्तावेज़ों की पूरी जांच न करना पड़ सकता है महंगा
भूमि की खरीदारी से पहले यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि ज़मीन के सभी दस्तावेज़ वैध हैं। टाइटल डीड, एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट और भूमि उपयोग प्रमाणपत्र जैसे कागजातों की पूरी जांच करनी चाहिए। कई बार देखा गया है कि लोग केवल रजिस्ट्री देखकर संतुष्ट हो जाते हैं, जबकि दाखिल-खारिज और रेवेन्यू रिकॉर्ड भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। अगर यह जांच नहीं की गई, तो बाद में कोई तीसरा व्यक्ति मालिकाना हक़ का दावा कर सकता है।
बिल्डर या एजेंट की साख की अनदेखी करना
बहुत से मामलों में खरीदार बिना एजेंट या बिल्डर की पृष्ठभूमि की जांच किए ही लेन-देन कर लेते हैं। RERA रजिस्ट्रेशन की पुष्टि किए बिना सौदा करना एक बड़ी गलती है। एक बार पैसा देने के बाद, अगर बिल्डर भाग जाए या ज़मीन पर कोई कानूनी विवाद निकल आए, तो खरीदार के पास पछताने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। हमेशा प्रामाणिक और अनुभवी एजेंट से ही डील करें और उनके पुराने प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करें।
जल्दबाज़ी में फैसला बन सकता है परेशानी का कारण
कई बार खरीदार ‘सीमित समय की डील’ या ‘जल्दी करो, वरना दूसरा खरीद लेगा’ जैसे दबाव में निर्णय ले लेते हैं। लेकिन ज़मीन की खरीदारी जल्दबाज़ी में नहीं की जानी चाहिए। दस्तावेज़ों को पूरी तरह से पढ़ना, वकील से परामर्श लेना और सभी पक्षों की जानकारी इकट्ठा करना अनिवार्य है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आप किसी भी झांसे में नहीं आ रहे और आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी।
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कैश लेन-देन से बचें, डिजिटल ट्रैक रखें
भूमि सौदे में अक्सर कैश लेन-देन का चलन देखने को मिलता है, लेकिन यह पूरी तरह से अव्यवस्थित होता है और कानूनी रूप से जोखिम भरा भी। यदि कोई विक्रेता आपको कैश में डील करने को कहता है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। बैंक ट्रांसफर, चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान करें और हर लेन-देन की रसीद या एग्रीमेंट को सुरक्षित रखें। इससे भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में आपके पास कानूनी प्रमाण रहेगा।
धोखाधड़ी से बचने के लिए कानूनी सलाह ज़रूरी
अगर आप पहली बार ज़मीन खरीद रहे हैं, तो किसी अनुभवी रियल एस्टेट वकील की मदद अवश्य लें। वे आपको बताएंगे कि कौन-से दस्तावेज़ जरूरी हैं, क्या जमीन पर कोई बकाया है, और कौन-कौन कानूनी प्रावधान लागू होते हैं। साथ ही, रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण यानी RERA से पंजीकृत प्रोजेक्ट्स में ही निवेश करें ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
धोखाधड़ी हो जाए तो क्या करें
अगर आपके साथ ज़मीन खरीद के नाम पर धोखा हुआ है, तो घबराएं नहीं। तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराएं और धोखेबाज़ एजेंट या विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करें। इसके साथ-साथ RERA या उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कई राज्यों में अब ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की भी सुविधा उपलब्ध है।