
मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य 18 से 50 वर्ष की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को ₹2,500 मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाई गई थी।
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लाभार्थियों की सूची से हटाए गए नाम
हाल ही में आधार लिंकिंग और दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया के बाद राज्य सरकार ने 5.46 लाख महिलाओं को लाभार्थी सूची से हटा दिया है। यह कदम उन मामलों को ध्यान में रखकर उठाया गया है, जहां महिलाएं पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थीं या फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए थे।
सरकार का तर्क और प्रक्रिया
झारखंड सरकार का दावा है कि यह कदम पारदर्शिता और सही लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। जांच में पाया गया कि कई महिलाएं सरकारी सेवा में थीं, कुछ के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं थे, और कई महिलाएं इनकम टैक्स दाता थीं—जो योजना की शर्तों के खिलाफ है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और सियासी विवाद
सरकार के इस निर्णय ने राज्य में राजनीतिक घमासान खड़ा कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता राफिया नाज ने इसे महिलाओं के साथ विश्वासघात बताया है और कहा है कि अगर इन महिलाओं से वसूली की गई तो पार्टी राज्यभर में आंदोलन करेगी। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि चुनावी लाभ के लिए महिलाओं से झूठे वादे किए गए।
वसूली की तैयारी और प्रक्रिया
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन महिलाओं ने योजना का अनुचित लाभ लिया है, उनसे ₹2,500 प्रति माह के हिसाब से राशि की वसूली की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है, जो यह तय करेंगी कि किन महिलाओं से कितनी राशि वसूल की जाए और किस प्रक्रिया के तहत।
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गलती से बाहर की गई महिलाओं की शिकायत
कुछ महिलाएं दावा कर रही हैं कि उन्होंने सभी सही दस्तावेज़ जमा किए थे, फिर भी उनका नाम योजना से हटा दिया गया है। इसके विरोध में कई जिलों में प्रदर्शन भी हुए हैं। महिलाएं चाहती हैं कि सरकार उनकी एप्लिकेशन की दोबारा समीक्षा करे।
आवेदन की स्थिति कैसे जांचें
सरकार ने एक पोर्टल जारी किया है जहां महिलाएं योजना के लिए अपनी पात्रता और आवेदन की स्थिति की जांच कर सकती हैं। इसके लिए आधार नंबर और पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। जिनका नाम सूची से गायब है, वे शिकायत दर्ज कर पुनः आवेदन कर सकती हैं।
पात्रता मानदंड की पुनः समीक्षा
योजना की पात्रता शर्तें हैं—झारखंड की निवासी होना, आर्थिक रूप से कमजोर होना, आधार लिंक्ड बैंक खाता और राशन कार्ड होना, साथ ही किसी सरकारी सेवा में कार्यरत न होना और आयकरदाता न होना। सरकार ने कहा है कि पात्रता की समीक्षा पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से की गई।
योजना की सामाजिक और प्रशासनिक चुनौती
यह पूरा घटनाक्रम योजना की साख और सरकार की विश्वसनीयता को प्रभावित कर रहा है। यदि सरकार इस योजना में महिलाओं का भरोसा बरकरार रखना चाहती है तो उसे पारदर्शी और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना होगा, साथ ही सही लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करनी होगी।
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