20 May Bharat Bandh: देशभर में 20 मई को कामकाज रहेगा ठप! जानिए कौन कर रहा है हड़ताल और आम लोगों पर क्या होगा असर

चार नए लेबर कोड्स को लेकर देश के मजदूर भड़क उठे हैं! मनरेगा यूनियन समेत 10 ट्रेड यूनियन और 60 से ज्यादा कर्मचारी संगठन सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। क्या ये हड़ताल देशव्यापी जनआंदोलन का रूप ले लेगी? जानिए क्यों मजदूर कह रहे हैं – "अब नहीं तो कभी नहीं

Published On:
20 May Bharat Bandh: देशभर में 20 मई को कामकाज रहेगा ठप! जानिए कौन कर रहा है हड़ताल और आम लोगों पर क्या होगा असर
20 May Bharat Bandh: देशभर में 20 मई को कामकाज रहेगा ठप! जानिए कौन कर रहा है हड़ताल और आम लोगों पर क्या होगा असर

बरनाला (विवेक सिंधवानी): अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) के मौके पर मनरेगा मजदूर यूनियन पंजाब सीटू (MNREGA Workers Union Punjab CITU) ने एकजुटता दिखाते हुए 20 मई को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल (Nationwide Strike) में भाग लेने का ऐलान किया। यह घोषणा बरनाला जिले के नजदीकी गांव झलूर के ग्राउंड पार्क में आयोजित एक बैठक के दौरान की गई। बैठक में मजदूरों ने “चार लेबर कोड रद्द कराओ” जैसे नारों के साथ केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।

मजदूरों की ऐतिहासिक चेतना का प्रतीक रहा यह आयोजन

इस बैठक का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की याद में किया गया था, जिसमें शिकागो आंदोलन और उससे जुड़े शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर सीटू के राज्य सचिव साथी शेर सिंह फरवाही, जिला सचिव निर्मल सिंह झलूर, गांव के सरपंच परगट सिंह लाली और किसान नेता चरणजीत सिंह ने मजदूरों को संबोधित किया।

शेर सिंह फरवाही ने अपने भाषण में कहा कि आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि मजदूरों ने किन संघर्षों और बलिदानों से आठ घंटे की दिहाड़ी, उचित मजदूरी, ट्रेड यूनियन अधिकार, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा जैसे अधिकार प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार श्रम संहिताएं (Four Labour Codes) इन सभी अधिकारों को छीनने का एक प्रयास हैं।

केंद्र सरकार की नीतियों पर उठे गंभीर सवाल

बैठक में जोरदार तरीके से यह मांग उठाई गई कि केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई चार श्रम संहिताएं रद्द की जाएं। इन कोड्स के तहत पहले से अस्तित्व में मौजूद 29 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है, जिससे श्रमिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। यूनियन नेताओं का कहना था कि ये कानून कॉरपोरेट्स और निजी मालिकों को खुली छूट देते हैं कि वे मजदूरों की मेहनत का शोषण करें और मनमाने ढंग से मुनाफा कमाएं।

शेर सिंह फरवाही ने कहा, “हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक इन लेबर कोड्स को रद्द नहीं किया जाता। ये श्रमिक वर्ग को एक बार फिर से गुलामी की ओर धकेल रहे हैं।”

मनरेगा मजदूरों को भी मिलेगा झटका

द्वारा संबोधित किए गए एक प्रमुख विषय में मनरेगा (MNREGA) मजदूरों की स्थिति भी शामिल थी। जिला सचिव निर्मल सिंह झलूर ने चेतावनी दी कि ये श्रम संहिताएं मनरेगा मजदूरों को भी प्रभावित करेंगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को रोजगार की गारंटी (Job Guarantee), सामाजिक सुरक्षा (Social Security) और सम्मानजनक मजदूरी (Fair Wage) की जरूरत है, जिसे इन नए कानूनों से खतरा है।

उन्होंने आगे कहा, “मनरेगा में काम करने वाले लाखों मजदूरों को इन कोड्स से मिलने वाले नुकसान की जानकारी नहीं है। हम उन्हें जागरूक करेंगे और 20 मई की देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा दिलवाएंगे।”

पंचायत और किसानों का भी मिला साथ

गांव के सरपंच परगट सिंह लाली ने मजदूरों के संघर्ष को जायज बताया और कहा कि पंचायत मजदूरों के हक में हमेशा साथ खड़ी रहेगी। किसान नेता चरणजीत सिंह ने भी मजदूरों का समर्थन करते हुए कहा कि किसान और मजदूर एक ही वर्ग के अंग हैं और उन्हें अपने अधिकारों के लिए मिलकर लड़ना होगा।

हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति तैयार

सीटू और मनरेगा यूनियन से जुड़े नेताओं ने बताया कि इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए दस राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन (National Trade Unions) और 60 से अधिक कर्मचारी फेडरेशनों (Employees Federations) ने साथ आने का निर्णय लिया है। इस हड़ताल के मुख्य मुद्दे हैं:

  • चारों लेबर कोड्स को रद्द करना
  • न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रति माह और ₹700 दिहाड़ी लागू करना
  • पेंशन बढ़ाकर ₹10,000 प्रतिमाह करना
  • ठेका कर्मचारियों को नियमित करना
  • सरकारी संपत्तियों के निजीकरण पर रोक लगाना

बढ़ती महंगाई और गिरते श्रम अधिकारों के बीच संघर्ष अनिवार्य

शेर सिंह फरवाही ने कहा कि जिस प्रकार रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), आईपीओ-IPO और डिजिटल इंडिया जैसे विषयों पर सरकार लगातार प्रचार करती है, उसी प्रकार उसे मजदूरों की वास्तविक समस्याओं पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते मजदूर एकजुट नहीं हुए तो उन्हें अपने अधिकार गंवाने पड़ेंगे।

आंदोलन की अगली कड़ी: 20 मई

अंत में यह तय किया गया कि मजदूर वर्ग 20 मई की देशव्यापी हड़ताल को पूरी ताकत से सफल बनाएगा। इस दिन मनरेगा मजदूरों के साथ-साथ अन्य संगठनों से जुड़े कामगार भी काम बंद करेंगे और सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे।

Follow Us On

Leave a Comment