
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने प्रदेश के करीब 150 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी है। यह कदम उन स्कूलों के खिलाफ उठाया जा सकता है जिन्होंने बोर्ड द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों (Textbooks) की खरीदी के विवरण को अब तक जमा नहीं किया है। शिक्षा बोर्ड ने इन स्कूलों को 15 मई तक इस जानकारी को प्रस्तुत करने का अंतिम मौका दिया है। इससे पहले, बोर्ड ने 30 अप्रैल तक यह डिटेल मांगी थी, लेकिन कई निजी स्कूल इस निर्देश का पालन करने में विफल रहे।
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स्कूलों से मांगी गई जानकारी
बोर्ड ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे केवल बोर्ड द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों का ही उपयोग करें। इसके तहत स्कूलों से कहा गया था कि वे बोर्ड द्वारा स्थापित किए गए पुस्तक विक्रय केंद्रों और पंजीकृत बुक सेलरों से खरीदी गई किताबों के बिलों की सत्यापित प्रतियां 30 अप्रैल तक बोर्ड कार्यालय में जमा करें। हालांकि, अधिकांश निजी स्कूलों ने इस निर्देश का पालन नहीं किया, जिससे अब उनकी मान्यता पर संकट मंडरा रहा है।
15 मई तक का अंतिम मौका
अब बोर्ड ने ऐसे सभी निजी स्कूलों को 15 मई तक का समय दिया है। यदि इस अवधि के भीतर भी स्कूल प्रबंधन किताबों की खरीदी का विवरण नहीं प्रस्तुत करता है, तो शिक्षा बोर्ड उनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई कर सकता है। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है, ताकि सभी छात्र एक समान और मानक शिक्षा प्राप्त कर सकें।
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पालमपुर के एक निजी स्कूल की मान्यता रद्द
हाल ही में, बोर्ड ने पालमपुर क्षेत्र के एक निजी स्कूल की मान्यता आगामी आदेशों तक रद्द कर दी है। इस स्कूल को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में नौंवी से जमा दो कक्षा तक साइंस (Science) और कॉमर्स (Commerce) विषय में किसी भी विद्यार्थी को प्रवेश न देने का आदेश दिया गया है। यह फैसला मुख्यमंत्री सेवा संकल्प के माध्यम से प्राप्त शिकायत के आधार पर लिया गया है, जिसमें कहा गया था कि स्कूल बिना संबद्धता (Affiliation) के विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहा है।
शिक्षा बोर्ड का कड़ा रुख
डॉ. मेजर विशाल शर्मा, सचिव, स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला, ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को बोर्ड की ओर से प्रकाशित पुस्तकों का उपयोग अनिवार्य है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्कूल 15 मई तक मांगी गई जानकारी नहीं देते हैं, तो उनकी मान्यता रद्द करने के अलावा अन्य सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है।
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नतीजे और भविष्य की संभावनाएं
यदि इन 150 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाती है, तो इसका सीधा असर वहां पढ़ने वाले हजारों छात्रों पर पड़ेगा। ऐसे में इन स्कूलों के लिए समय रहते बोर्ड के निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल उनकी मान्यता बनी रहेगी, बल्कि छात्रों की शिक्षा भी बाधित नहीं होगी।