संपत्ति बंटवारे में वसीयत क्यों है जरूरी? नहीं बनाई तो हो सकती है कोर्ट-कचहरी की नौबत

यह सोचकर न रहें कि बिना वसीयत सब कुछ आसानी से बंट जाएगा। वसीयत न होने पर आपकी संपत्ति पर रिश्तेदारों का दावा, कानूनी विवाद और कोर्ट-कचहरी की नौबत आ सकती है। जानिए कैसे एक वसीयत आपके परिवार को इन सब परेशानियों से बचा सकती है।

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संपत्ति बंटवारे में वसीयत क्यों है जरूरी? नहीं बनाई तो हो सकती है कोर्ट-कचहरी की नौबत
संपत्ति बंटवारे में वसीयत क्यों है जरूरी? नहीं बनाई तो हो सकती है कोर्ट-कचहरी की नौबत

वसीयत (Will) बनाना एक ऐसा कदम है जिसे अधिकतर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, खासकर तब जब वे अपनी संपत्ति, सेविंग्स या इनवेस्टमेंट की योजना अच्छे से बना चुके होते हैं। लेकिन संपत्ति के बंटवारे के लिए वसीयत बनाना उतना ही जरूरी है जितना किसी भी फाइनेंशियल प्लानिंग टूल को अपनाना। अक्सर यह देखा गया है कि लोग मानते हैं कि उनके बच्चे पढ़े-लिखे और समझदार हैं, इसलिए उनके बीच कभी कोई विवाद नहीं होगा। लेकिन इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब पढ़े-लिखे और संपन्न परिवारों में भी प्रॉपर्टी डिस्प्यूट कोर्ट तक पहुंच गए।

वसीयत की अनदेखी के गंभीर परिणाम

जब किसी व्यक्ति की मृत्यु बिना वसीयत बनाए होती है, तो उसकी संपत्ति को ‘इंटेस्टेट सक्सेशन’ (Intestate Succession) कानूनों के तहत बांटा जाता है। इसका अर्थ यह है कि कानून तय करता है कि संपत्ति किसे और कितनी मिलेगी। इसमें परिवार के सदस्य जैसे पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन आदि शामिल होते हैं, लेकिन यह बंटवारा अक्सर वैसा नहीं होता जैसा दिवंगत व्यक्ति चाहता था।

इस प्रक्रिया में समय लगता है, कोर्ट की कार्यवाही लंबी चल सकती है और सबसे अहम बात यह है कि इससे परिवार में कड़वाहट और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। High Court और Supreme Court में ऐसी हज़ारों केस फाइल होती हैं जो सिर्फ वसीयत न होने की वजह से वर्षों से लंबित हैं।

शिक्षित परिवार भी नहीं बच पाए हैं विवादों से

यह सोचना कि पढ़े-लिखे लोग संपत्ति के लिए नहीं लड़ते, एक मिथक है। कई हाई-प्रोफाइल मामलों में भी यही देखा गया है कि भाई-बहन, यहां तक कि माता-पिता और बच्चे तक संपत्ति के बंटवारे को लेकर आमने-सामने आ जाते हैं। भावनाएं जब हक और अधिकार के साथ टकराती हैं, तो रिश्ते अक्सर टूट जाते हैं। वसीयत एक ऐसा डॉक्युमेंट है जो इन सभी संभावित समस्याओं से बचने में मदद करता है।

वसीयत की लीगल वैलिडिटी और फायदे

वसीयत एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसे व्यक्ति अपनी मर्जी से तैयार करता है। इसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति किसे और किस अनुपात में दी जानी है। यदि इसे विधिवत तरीके से तैयार किया गया है,जिसमें गवाहों के हस्ताक्षर और कभी-कभी रजिस्ट्रेशन भी शामिल होता है—तो इसकी लीगल वैलिडिटी बहुत मजबूत होती है।

इसके फायदे:

  • Legal Disputes की संभावना खत्म हो जाती है।
  • Beneficiaries को संपत्ति पाने में कम समय लगता है।
  • यह यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति उसी को मिले जिसे आप देना चाहते हैं।
  • Asset Transfer की प्रक्रिया सरल और स्पष्ट होती है।

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बच्चों के लिए वसीयत एक सुरक्षा कवच

अगर किसी परिवार में एक से अधिक बच्चे हैं, तो वसीयत यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी बच्चा खुद को वंचित महसूस न करे। माता-पिता यदि अपने जीवनकाल में ही तय कर लें कि किसे क्या मिलेगा, तो बच्चों को भी स्पष्टता होती है और रिश्तों में कड़वाहट की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। कई बार लोग Mutual Fund, Stocks, Fixed Deposits और यहां तक कि Real Estate में भी निवेश करते हैं, जिनका जिक्र वसीयत में होना जरूरी है, ताकि बाद में उनकी लोकेशन या क्लेम करने में कोई परेशानी न हो।

समय पर वसीयत बनाना क्यों है जरूरी?

अक्सर लोग सोचते हैं कि वसीयत बुज़ुर्ग अवस्था में बनानी चाहिए, लेकिन यह धारणा गलत है। किसी भी व्यक्ति को, जो कमाने लगा है और जिसकी संपत्ति बन रही है—चाहे वो घर हो, Insurance Policy, IPO Investment या कोई भी Financial Asset—उसे वसीयत बनानी चाहिए। अचानक मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में यह दस्तावेज परिवार को कानूनी और मानसिक सुरक्षा देता है।

वसीयत न होने पर क्या हो सकता है?

यदि किसी की मृत्यु बिना वसीयत के होती है:

  • संपत्ति पर कानूनी विवाद हो सकता है।
  • कोर्ट के आदेश के बिना संपत्ति ट्रांसफर नहीं की जा सकती।
  • बैंक अकाउंट, निवेश और प्रॉपर्टी फ्रीज़ हो सकती है।
  • Legal Heirs के बीच रिश्ते खराब हो सकते हैं।
  • कई मामलों में Legal Fees और कोर्ट की प्रक्रिया संपत्ति के बड़े हिस्से को खा जाती है।

वसीयत बनाना एक जिम्मेदारी है, न कि विकल्प

वसीयत को न केवल एक दस्तावेज बल्कि अपने परिवार के प्रति एक जिम्मेदारी के रूप में देखा जाना चाहिए। यह सिर्फ संपत्ति के बंटवारे की बात नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है कि आपकी मेहनत की कमाई उन्हीं हाथों में जाए जिन्हें आपने इसके लिए चुना है। आज के दौर में, जब लोग Renewable Energy, Startup Funding, Crypto Investment जैसी चीजों में निवेश कर रहे हैं, वसीयत एक ऐसा जरूरी डॉक्युमेंट बन जाता है जो आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करता है।

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