भारत का ये राज्य चुकाता है सबसे ज्यादा टैक्स? ये है टॉप 5 राज्यों की लिस्ट

क्या आप जानते हैं कि भारत का कौन-सा राज्य अकेले देश का 38% टैक्स भरता है? इस रिपोर्ट में जानिए टॉप 5 राज्यों के नाम, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक की टैक्स जर्नी चौंकाने वाली है। पढ़ें पूरी डिटेल और जानिए क्या आपके राज्य का नाम भी शामिल है

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भारत का ये राज्य चुकाता है सबसे ज्यादा टैक्स? ये है टॉप 5 राज्यों की लिस्ट
भारत का ये राज्य चुकाता है सबसे ज्यादा टैक्स? ये है टॉप 5 राज्यों की लिस्ट

भारत की आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले कुछ राज्य टैक्स संग्रह (Tax Collection) के क्षेत्र में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, टैक्स भुगतान के मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) देश में शीर्ष पर है। यह राज्य न केवल प्रत्यक्ष करों (Direct Taxes) में अग्रणी है, बल्कि वस्तु एवं सेवा कर यानी GST के कलेक्शन में भी सबसे आगे है।

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महाराष्ट्र ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाकर अन्य सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि देश की आर्थिक गतिविधियों में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। इसके पीछे मुख्य कारण राज्य की औद्योगिक ताकत, मेट्रो शहरों की मौजूदगी और बड़े कॉरपोरेट हब्स हैं।

महाराष्ट्र बना टैक्स कलेक्शन का राजा

महाराष्ट्र ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल टैक्स कलेक्शन में सबसे ऊपर रहते हुए 4.59 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया। यह आंकड़ा केंद्र सरकार को प्राप्त कुल टैक्स रेवेन्यू का 38.2 प्रतिशत है। इसमें से 3.29 लाख करोड़ रुपये सीधे केंद्र के खाते में गए, जबकि 1.3 लाख करोड़ रुपये राज्य के हिस्से में आए।

महाराष्ट्र के इस प्रदर्शन के पीछे मुंबई, पुणे, और नवी मुंबई जैसे आर्थिक केंद्रों का बड़ा योगदान है। ये शहर देश की वित्तीय गतिविधियों के केंद्र माने जाते हैं और यहां देश-विदेश की तमाम कंपनियों के मुख्यालय मौजूद हैं।

कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु ने भी दिखाई ताकत

महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक (Karnataka) टैक्स कलेक्शन में दूसरे स्थान पर रहा। इस राज्य ने केंद्र को 1.48 लाख करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान किया, जिसमें से 1.16 लाख करोड़ रुपये केंद्र के हिस्से में आए और 32 हजार करोड़ राज्य को मिले।

गुजरात (Gujarat) तीसरे स्थान पर रहा, जहां से केंद्र सरकार को 1.33 लाख करोड़ रुपये की टैक्स आय हुई। गुजरात की आर्थिक ताकत रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), मैन्युफैक्चरिंग और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर से आती है।

तमिलनाडु (Tamil Nadu) चौथे स्थान पर रहा, जहां से 1.32 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन हुआ। वहीं, दिल्ली ने 1.2 लाख करोड़ रुपये का टैक्स दिया और पांचवे स्थान पर रहा।

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दिल्ली की भूमिका और आर्थिक शक्ति

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) ने भी टैक्स कलेक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां के कॉर्पोरेट सेक्टर, रिटेल, आईटी और सर्विस इंडस्ट्रीज ने इस प्रदर्शन में अहम योगदान दिया।

दिल्ली का कुल टैक्स कलेक्शन 1.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें से 92,000 करोड़ केंद्र सरकार को और 28,000 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त हुए।

राज्यों का टैक्स प्रदर्शन क्यों है महत्वपूर्ण?

राज्यों द्वारा केंद्र को टैक्स के रूप में दी गई राशि का उपयोग देश की आधारभूत संरचना, सामाजिक योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और रक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जाता है।

साथ ही, टैक्स कलेक्शन के आधार पर राज्यों को केंद्रीय फंड्स के वितरण में प्राथमिकता मिलती है। जो राज्य ज्यादा टैक्स कलेक्ट करते हैं, उन्हें ज्यादा विकास परियोजनाओं के लिए समर्थन भी प्राप्त होता है।

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टैक्स कलेक्शन में उच्च प्रदर्शन के कारण

  1. आर्थिक गतिविधियों की अधिकता
  2. औद्योगिक और कॉरपोरेट सेक्टर की मजबूती
  3. उच्च आय वर्ग की बड़ी संख्या
  4. बेहतर टैक्स प्रशासन और अनुपालन
  5. मेट्रो शहरों की मौजूदगी

भविष्य में टैक्स कलेक्शन का ट्रेंड

भारत की अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे बढ़ रही है, टैक्स बेस भी व्यापक हो रहा है। डिजिटल इंडिया, जीएसटी, और आयकर में पारदर्शिता के उपायों ने टैक्स कलेक्शन को बढ़ावा दिया है।

आने वाले वर्षों में यह उम्मीद की जा रही है कि दक्षिण भारतीय राज्य जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल भी टैक्स कलेक्शन में और अधिक योगदान देंगे।

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