
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक अहम कदम उठाया है। अब राज्य के सभी 75 जिलों में ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी और ओला-उबर (Ola-Uber) जैसी कैब सेवाओं के चालकों को दो जरूरी कार्य करने होंगे। यह निर्णय राज्य महिला आयोग की सिफारिश पर लिया गया है, जिससे महिलाओं की यात्रा को और सुरक्षित बनाया जा सके।
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ड्राइवर की पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य
नए नियम के तहत, प्रत्येक सार्वजनिक परिवहन वाहन जैसे ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी और ऐप-बेस्ड कैब (Ola, Uber, Rapido) के ड्राइवर को अपनी गाड़ी के अंदर और बाहर बड़े अक्षरों में अपना नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से लिखना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था यात्रियों, विशेषकर महिलाओं, की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने की मांग की थी। आयोग का मानना है कि इस कदम से महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ और अन्य अपराधों की घटनाओं में कमी आएगी, क्योंकि ड्राइवर की पहचान आसानी से की जा सकेगी।
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नियम का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई ड्राइवर इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें चालान काटना, परमिट रद्द करना और अन्य कानूनी कदम शामिल हो सकते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
महिला सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही महिला सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है, जैसे ‘मिशन शक्ति’, ‘1090 महिला हेल्पलाइन’ और ‘पिंक बूथ’। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते आए हैं। अब राज्य महिला आयोग की नई सिफारिशें इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं।
परिवहन विभाग की प्रतिक्रिया
परिवहन विभाग ने इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है और जल्द ही इसे लागू करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। यदि यह व्यवस्था लागू होती है, तो उत्तर प्रदेश महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है, जिसे अन्य राज्य भी अपना सकते हैं।
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महिला यात्रियों के लिए बढ़ेगा आत्मविश्वास
इस व्यवस्था से महिलाओं को यात्रा के दौरान अधिक आत्मविश्वास मिलेगा, क्योंकि वे जानती होंगी कि ड्राइवर की पहचान स्पष्ट रूप से उपलब्ध है। इससे किसी भी आपात स्थिति में शिकायत दर्ज कराना आसान होगा और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।