
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। खासकर तब जब आपके पास Digital Form 16 उपलब्ध हो। डिजिटल फॉर्म 16 के आ जाने से आम नौकरीपेशा लोगों को अब टैक्स रिटर्न भरने के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की ज़रूरत नहीं पड़ती। सरकार की ओर से इनकम टैक्स पोर्टल और अन्य ई-फाइलिंग सुविधाओं के ज़रिये यह प्रक्रिया अब काफी सरल और यूज़र-फ्रेंडली हो गई है।
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क्या होता है Digital Form 16?
Form 16 एक प्रमाण पत्र होता है जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को दिया जाता है। इसमें उस वित्तीय वर्ष के दौरान उसकी सैलरी से काटे गए टैक्स (TDS) की पूरी जानकारी होती है। जब यही फॉर्म डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध हो, यानी PDF या अन्य डिजिटल दस्तावेज़ के रूप में, तो उसे Digital Form 16 कहा जाता है।
डिजिटल फॉर्म 16 दो हिस्सों में होता है – पार्ट A और पार्ट B।
पार्ट A में TDS की समरी, TAN नंबर, कर्मचारी और नियोक्ता की जानकारी और टैक्स की कटौती का ब्यौरा होता है।
पार्ट B में वेतन की ब्रेकडाउन, कटौतियां, छूट और कुल टैक्सेबल इनकम की जानकारी होती है।
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Digital Form 16 से ITR फाइल करना कितना आसान?
Income Tax Department के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर अब यह प्रक्रिया अत्यंत सरल कर दी गई है। यदि आपके पास Digital Form 16 है, तो आप बिना किसी विशेषज्ञ की मदद के खुद ही अपनी ITR फाइल कर सकते हैं।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद आपको फॉर्म 16 में दिए गए डेटा को सही ढंग से भरना होता है। पोर्टल खुद ही आपके डेटा को फॉर्मेट कर देता है, जिससे त्रुटियों की संभावना कम हो जाती है। इसमें आपकी बेसिक जानकारी, सैलरी, HRA, सेक्शन 80C के तहत निवेश, NPS, मेडिक्लेम आदि सभी डिडक्शन और टैक्स कैलकुलेशन अपने आप हो जाती है।
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किन लोगों के लिए उपयोगी है Digital Form 16?
Digital Form 16 मुख्यतः नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए होता है। यदि आप किसी संगठन, कंपनी या सरकारी विभाग में काम करते हैं और आपकी सैलरी से TDS कटता है, तो नियोक्ता आपको फॉर्म 16 उपलब्ध कराता है।
यह डॉक्युमेंट खासकर उनके लिए बेहद मददगार है जिनके पास अन्य कोई इनकम सोर्स नहीं है जैसे कि किराए की इनकम, कैपिटल गेन या फ्रीलांसिंग आदि। ऐसे में केवल Digital Form 16 के ज़रिये आप आसानी से ITR फाइल कर सकते हैं।
किन बातों का रखें ध्यान?
- Digital Form 16 से डेटा भरते समय पूरी सावधानी बरतें। खासकर PAN, TAN, और TDS अमाउंट में कोई गलती न हो।
- अगर आपने साल भर में किसी और स्रोत से भी आय कमाई है जैसे कि बैंक FD, शेयर बाजार या प्रॉपर्टी से, तो उसे भी जरूर शामिल करें।
- सही ITR फॉर्म चुनना बेहद जरूरी है। नौकरीपेशा लोगों के लिए ITR-1 (सहज) फॉर्म उपयुक्त होता है, यदि आपकी कुल इनकम ₹50 लाख से कम है और केवल सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोत (जैसे ब्याज) से आय है।
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डिजिटल प्रोसेस में टेक्नोलॉजी का योगदान
आधुनिक टेक्नोलॉजी और ई-गवर्नेंस की मदद से इनकम टैक्स की प्रक्रियाएं अब पहले से कहीं अधिक सहज हो चुकी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा ऑटो-फिलिंग जैसी तकनीकों के चलते अब ITR फॉर्म में कई जानकारी अपने आप भर जाती है।
अगर आपने कोई टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट किया है या NPS, ELSS, मेडिक्लेम में पैसे लगाए हैं, तो उसका ब्यौरा पोर्टल खुद दिखा देता है, बशर्ते वह PAN से लिंक हो। इससे आपकी प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है।
क्या अब CA की ज़रूरत पूरी तरह खत्म हो गई है?
हालांकि Digital Form 16 की मदद से सामान्य सैलरी क्लास लोग खुद ITR फाइल कर सकते हैं, लेकिन जिनकी इनकम में जटिलता है – जैसे कि बिजनेस इनकम, फ्रीलांसिंग, कैपिटल गेन, विदेशी निवेश या रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy में इनवेस्टमेंट आदि – उनके लिए अभी भी टैक्स सलाहकार या CA की भूमिका अहम बनी हुई है।
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लेकिन सामान्य नौकरीपेशा लोगों के लिए Digital Form 16 अब ITR फाइलिंग को इतना आसान बना चुका है कि वे खुद इसे कुछ ही मिनटों में पूरा कर सकते हैं।