
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 15 से 23 मई 2025 तक देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में 70 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत, दक्षिण भारत और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और तूफानी हवाओं का अलर्ट
IMD के अनुसार, 15 से 23 मई के बीच पूर्वोत्तर भारत के राज्यों—असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा—में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो कुछ स्थानों पर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। असम के गोलपाड़ा में 97 मिमी और लखीमपुर में 96 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि मेघालय के तुरा में 136 मिमी और सोहरा में 56 मिमी बारिश हुई है।
मध्य और पूर्वी भारत में मौसम का मिजाज
मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अगले पांच दिनों तक गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में 30 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। बिहार के कुछ जिलों में 17 से 18 मई के बीच मौसम में बदलाव देखा जा सकता है।
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दक्षिण भारत में बारिश की संभावना
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में 15 से 18 मई के बीच अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में भी 30 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। केरल में 19-20 मई को कुछ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
पश्चिमी भारत में तेज हवाओं के साथ बारिश
कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 15 से 18 मई के बीच गरज-चमक के साथ बारिश और 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। कुछ स्थानों पर हवाओं की रफ्तार 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
चक्रवात शक्ती की संभावना
IMD ने अंडमान सागर में एक चक्रवाती परिसंचरण की पहचान की है, जो 16 से 22 मई के बीच निम्न दबाव क्षेत्र में विकसित हो सकता है। यह प्रणाली 23 से 28 मई के बीच चक्रवात शक्ती में बदल सकती है, जिससे ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में प्रभाव पड़ सकता है।
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सुरक्षा के लिए सुझाव
- स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट और निर्देशों का पालन करें।
- बिजली के उपकरणों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
- जरूरी न हो तो यात्रा से बचें और मौसम अपडेट्स पर नजर रखें।
- निचले इलाकों में जलभराव से बचने के लिए सतर्क रहें।