
भारत सरकार ने पाकिस्तान को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है कि पड़ोसी देश की ओर से एक बड़ा साइबर अटैक किया जा सकता है। इस अलर्ट को लेकर भारत की सूचना प्रौद्योगिकी एजेंसी CERT-In (Computer Emergency Response Team – India) और PIB Fact Check दोनों ही सतर्क हो गए हैं। यह चेतावनी ‘Dance of the Hillary’ नामक एक खतरनाक मैलवेयर को लेकर है, जो लोगों को भ्रमित करने और डिवाइस को संक्रमित करने के लिए तैयार किया गया है। यह साइबर अटैक न सिर्फ व्यक्तिगत डेटा की चोरी बल्कि सरकारी और सामरिक सूचनाओं को भी निशाना बना सकता है।
यह भी देखें: दिल्ली हाई कोर्ट का ज़बरदस्त झटका, सरकार को देने होंगे इस आदमी को पूरे 1.76 करोड़! जानिए क्यों?
Dance of the Hillary मैलवेयर से खतरे की पूरी कहानी
इस संदर्भ में ‘Dance of the Hillary’ एक नया नाम है जिसे भारत सरकार ने एक अत्यंत खतरनाक साइबर वायरस के रूप में पहचाना है। इस मैलवेयर को पाकिस्तान से जुड़े साइबर अपराधियों द्वारा विकसित किया गया है और इसे भारत के नागरिकों और संस्थानों को निशाना बनाने के लिए भेजा जा रहा है। इस वायरस को .exe फॉर्मेट में सोशल मीडिया या मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है, जो एक वीडियो या सामान्य फाइल की तरह दिखता है, लेकिन जैसे ही इसे खोला जाता है, यह आपके सिस्टम पर कब्जा कर लेता है और उसमें मौजूद सभी संवेदनशील जानकारियों को पाकिस्तान स्थित सर्वरों तक पहुंचा देता है।
CERT-In और PIB Fact Check की तरफ से जारी दिशा-निर्देश
CERT-In और PIB Fact Check दोनों ने मिलकर यह स्पष्ट किया है कि भारत में नागरिकों को इस प्रकार के साइबर अटैक्स से बचने के लिए डिजिटल सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान ईमेल, वीडियो लिंक, या .exe फाइल को न खोलें और न ही किसी अनपेक्षित मैसेज का जवाब दें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि यदि किसी को संदिग्ध लिंक या फाइल मिलती है, तो वह तुरंत PIB Fact Check या CERT-In को सूचित करें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
यह भी देखें: Bank Robbery: बैंक ऑफ महाराष्ट्र में दिनदहाड़े लूट! लुटेरे उड़ाकर ले गए 5 करोड़ का सोना और ₹15 लाख कैश
डिजिटल सुरक्षा के लिए जरूरी सावधानियां
ऐसे समय में जब साइबर हमले एक संगठित हथियार के रूप में उपयोग हो रहे हैं, डिजिटल सावधानी अत्यंत जरूरी हो जाती है। भारत सरकार की यह चेतावनी केवल संभावित खतरे की सूचना नहीं है, बल्कि यह नागरिकों को एक बड़ा संकेत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इंटरनेट और डिजिटल डिवाइस के माध्यम से भी देश को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और नियमित सॉफ़्टवेयर अपडेट्स जैसे कदम इस खतरे से बचाव के प्राथमिक उपाय माने जा सकते हैं।
पाकिस्तान द्वारा साइबर हमले का इतिहास
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की ओर से साइबर हमलों की घटनाएं समय-समय पर देखी गई हैं। चाहे भारतीय सेना के अधिकारियों को टारगेट करना हो, या फिर सरकारी संस्थानों के डाटा को चुराने का प्रयास, पाकिस्तान की साइबर रणनीति हमेशा भारत की डिजिटल संरचना को कमजोर करने की रही है। यह नया खतरा भी उसी योजना का विस्तार है, जिसमें जनता को भ्रमित कर एक फर्जी फाइल के माध्यम से व्यापक स्तर पर सिस्टम को क्रैश करने की साजिश है।
सरकार की ओर से रिपोर्टिंग
यदि किसी व्यक्ति को ‘Dance of the Hillary’ या किसी अन्य संदिग्ध फाइल की जानकारी मिलती है, तो वह PIB Fact Check को WhatsApp पर +91 8799711259 पर संपर्क कर सकता है या factcheck@pib.gov.in पर ईमेल भेज सकता है। साथ ही CERT-In की वेबसाइट cert-in.org.in पर जाकर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज कर सकता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि समय रहते इन खतरों को पहचाना जा सके और उनकी रोकथाम की जा सके।
यह भी देखें: भारत-पाक तनाव बढ़ा! उत्तराखंड में रद्द हुईं छुट्टियां, सभी कर्मचारियों को वापस बुलाया
नागरिकों की भूमिका और जिम्मेदारी
साइबर सुरक्षा केवल सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है। हर नागरिक की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह डिजिटल स्पेस में सतर्कता बरते। जैसे हम घर का दरवाज़ा बंद रखते हैं, उसी तरह अपने डिजिटल डिवाइसेज़ को भी सुरक्षित रखना आवश्यक है। किसी भी अज्ञात या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए। यही सतर्कता भविष्य में बड़े साइबर खतरे से देश को बचा सकती है।