PF को कहिए अलविदा! सिर्फ ₹25,000 सैलरी में VPF से बनाएं ₹2.5 करोड़ का फंड, जानिए आसान फॉर्मूला

क्या आप भी सिर्फ ₹25,000 सैलरी में करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं? जानिए कैसे Voluntary Provident Fund (VPF) में निवेश करके आप ₹2.5 करोड़ का फंड बना सकते हैं, वो भी PF को बाय-बाय कहकर! आसान फॉर्मूला और पूरी जानकारी के साथ, यह लेख पढ़कर आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग बदल जाएगी

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PF को कहिए अलविदा! सिर्फ ₹25,000 सैलरी में VPF से बनाएं ₹2.5 करोड़ का फंड, जानिए आसान फॉर्मूला
PF को कहिए अलविदा! सिर्फ ₹25,000 सैलरी में VPF से बनाएं ₹2.5 करोड़ का फंड, जानिए आसान फॉर्मूला

PF यानी Provident Fund की जगह अब Voluntary Provident Fund (VPF) से बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। आजकल कई नौकरीपेशा लोग PF की बजाय VPF में निवेश को तरजीह देने लगे हैं। खास बात यह है कि सिर्फ ₹25,000 सैलरी में भी VPF के जरिए ₹2.5 करोड़ तक का फंड तैयार किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस आसान फॉर्मूले के बारे में।

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VPF क्या है और कैसे काम करता है?

VPF यानी Voluntary Provident Fund, EPF (Employee Provident Fund) का ही एक एक्स्ट्रा विकल्प है, जिसमें कर्मचारी अपनी मर्जी से PF कटौती की सीमा से ज्यादा योगदान कर सकता है। इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% तो PF में जमा होता ही है, लेकिन इसके अलावा VPF में 100% तक बेसिक सैलरी का योगदान किया जा सकता है। इसका फायदा यह है कि VPF पर भी वही टैक्स छूट और ब्याज दरें मिलती हैं जो EPF पर मिलती हैं।

सिर्फ ₹25,000 सैलरी में ₹2.5 करोड़ का फंड कैसे?

अगर किसी की सैलरी ₹25,000 है और वह पूरी सैलरी का 100% हिस्सा VPF में निवेश करता है, तो लंबे समय में यह रकम करोड़ों में बदल सकती है। मान लीजिए, ब्याज दर 8.25% सालाना रहती है और निवेश अवधि 30 साल है, तो कंपाउंड इंटरेस्ट के जरिए कुल फंड ₹2.5 करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है। इसमें टैक्स बेनेफिट और सुरक्षित निवेश का फायदा भी मिलेगा।

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VPF के फायदे क्या हैं?

VPF में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा टैक्स छूट है। इसमें निवेश की गई रकम पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री होता है। इसके अलावा VPF पूरी तरह सुरक्षित निवेश है क्योंकि इसमें सरकार की गारंटी होती है। इसके मुकाबले दूसरे विकल्प जैसे IPO, स्टॉक्स या Mutual Funds में रिस्क ज्यादा होता है।

क्यों छोड़ें PF और चुनें VPF?

PF में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का सिर्फ 12% हिस्सा जमा होता है, जबकि VPF में इससे ज्यादा निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब है कि जिनकी सैलरी ₹25,000 है, वे चाहें तो हर महीने ₹25,000 VPF में डाल सकते हैं। इससे उनका रिटायरमेंट फंड काफी बड़ा हो सकता है। साथ ही VPF में ब्याज दर भी EPF के बराबर ही मिलती है, जो आजकल 8% से ज्यादा है।

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VPF में निवेश की प्रक्रिया क्या है?

VPF में निवेश करने के लिए आपको अपने एचआर या अकाउंट्स डिपार्टमेंट में आवेदन देना होगा। इसमें आपको बताना होगा कि आप अपनी बेसिक सैलरी का कितना हिस्सा VPF में निवेश करना चाहते हैं। एक बार सेटिंग हो जाने के बाद हर महीने तय रकम आपकी सैलरी से कटकर सीधे VPF खाते में जमा हो जाएगी।

VPF और EPF में फर्क क्या है?

EPF यानी Employee Provident Fund में निवेश की सीमा सीमित होती है और कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% ही जमा होता है। वहीं VPF में कोई ऊपरी सीमा नहीं होती और कर्मचारी अपनी मर्जी से 100% तक योगदान कर सकता है। दोनों में ब्याज दर और टैक्स बेनेफिट समान होते हैं, लेकिन VPF से ज्यादा फंड तैयार किया जा सकता है।

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VPF में जोखिम कितना है?

VPF पूरी तरह सुरक्षित निवेश है क्योंकि इसमें सरकार की गारंटी होती है और ब्याज दर भी स्थिर रहती है। हालांकि, ब्याज दर घट सकती है लेकिन इसकी तुलना में शेयर बाजार, IPO और Mutual Funds ज्यादा जोखिम भरे होते हैं। VPF उन लोगों के लिए बेहतर है जो लंबी अवधि के लिए सुरक्षित और टैक्स फ्री फंड तैयार करना चाहते हैं।

क्या VPF हर किसी के लिए सही है?

VPF उन नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहतरीन है जो अपने रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं। खासकर जिनकी सैलरी ज्यादा नहीं है और जो IPO या अन्य जोखिम भरे निवेश से बचना चाहते हैं, उनके लिए VPF एक आदर्श विकल्प है। हां, इसमें लॉक-इन पीरियड लंबा होता है और बीच में पैसे निकालना थोड़ा मुश्किल होता है।

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